आदिपुरुष को लेकर नहीं थम रहा बवाल, लोग कह रहे अब माफी मांगने का फायदा नहीं
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आदिपुरुष को लेकर नहीं थम रहा बवाल, लोग कह रहे अब माफी मांगने का फायदा नहीं

फिल्म 'आदिपुरुष' पर जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

(फाइल फोटो)

पटना/रांची: फिल्म 'आदिपुरुष' पर जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. फिल्म के संवाद और गीत लिखनेवाले मनोज मुंतशिर ने इसको लेकर लोगों से माफी भी मांगी और स्पष्ट तौर पर कहा कि इससे अगर किसी की भी भावना आहत हुई है तो वह सभी लोगों से माफी मांगते हैं और साथ ही इसका वादा भी करते हैं कि जिन संवादों को लेकर लोगों को आपत्ति है उसे जल्द ही बदल दिया जाएगा. 

फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर ने लोगों से माफी तो मांग ली है लेकिन जनता इस फिल्म को लेकर अभी भी क्या सोच रही है. इसको जानना जरूरी है. ऐसे में आपको बता दें कि मनोज मुंतशिर ने ज़ी न्यूज के साथ बातजीत में साफ कहा किजिन लोगों की आस्था को फिल्म के इन संवादों ठेस पहुंचा है मैं उनसे माफी मांगता हूं. मेरा मकसद लोगों की भावनाएं आहत करना नहीं था. वही मनोज मुंतशिर ने कहा की 'क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है. मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी. मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएंगे'. 

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मनोज मुंतशिर के इस फैसले के बाद पटना के लोगों ने कहा की यह बकवास फिल्म है. समाज में गलत मैसेज जा चुका है उसको अब बदला नहीं जा सकता है. अब माफी मांगने से कोई फायदा नहीं,पहले ऐसे डायलॉग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. लोगो ने कहा की फिल्म का डायलॉग अच्छा नहीं था और अब डायलॉग चेंज करने से क्या फायदा. लोगों ने आगे कहा कि लगता नहीं की मूवी धार्मिक है. जिन्होंने इस फिल्म को पूरा देखा है वो दोबारा इसे देखने नहीं जायेंगे. 

वहीं आदिपुरुष फिल्म के रिलीज होते ही विवाद शुरू हो चुका है. फिल्म देखकर लोग आक्रोश में हैं. लोगों का कहना है कि जिस प्रकार से सनातन धर्म को लाग-लपेट के साथ परोसा गया है वह बिल्कुल गलत है. आदिपुरुष में जिस प्रकार से श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी को दिखाया गया है वह समझ से परे है. कई डायलॉग हैं जो विरोधाभासी हैं. उन्हें बदलना चाहिए कई लोगों ने आंदोलन की भी चेतावनी दी है. उनका कहना है कि हर बार सनातन धर्म के साथ ही खिलवाड़ होता है. हालांकि जब आपत्तिजनक शब्दों को फिल्मों से हटाने का फैसला लिया गया तो लोग उसका स्वागत करते नजर आए. लेकिन फिर भी उनका कहना है कि थप्पड़ मारने के बाद माफी मांगने से कुछ नहीं होगा, बेहतर होगा कि ऐसी संवेदनशील विषय पर फिल्म बनाते समय ध्यान रखा जाए.

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