Prashant Kishor: शराबबंदी हटाने की मांग करते बोले PK-नीतीश के आसपास लोग पीते हैं, BJP को भी घेरा
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Prashant Kishor: शराबबंदी हटाने की मांग करते बोले PK-नीतीश के आसपास लोग पीते हैं, BJP को भी घेरा

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के साथ काम कर चुका हूं. मैं जानता हूं कि नीतीश कुमार के साथ रहने वाले उनके इर्द-गिर्द घूमने वाले लोग शराबबंदी के बावजूद शराब का सेवन करते हैं और नीतीश कुमार के सामने बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के साथ काम कर चुका हूं.

पटना: ​Prashant kishor on liquor ban: शराबबंदी को लेकर बिहार में राजनीतिक भूचाल आ गया है. जहरीली शराब से हो रही मौत पर बीजेपी नीतीश सरकार पर लगातार हमले कर रही है. इसी कड़ी में प्रशात किशोर ने शराबबंदी को लेकर 'जन स्वराज यात्रा' के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.' 

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के साथ काम कर चुका हूं. मैं जानता हूं कि नीतीश कुमार के साथ रहने वाले उनके इर्द-गिर्द घूमने वाले लोग शराबबंदी के बावजूद शराब का सेवन करते हैं और नीतीश कुमार के सामने बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.

साथ ही, प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा के लोग आज शराबबंदी पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन जब सरकार में वह हुआ करते थे तो ध्वनि मत से शराबबंदी को पारित करने में सहयोगी बने हुए थे और नीतीश कुमार के हर फैसले का स्वागत कर रहे थे.

प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल पर भी निशाना साधा. प्रशांत किशोर ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल जब विपक्ष में थी तो तमाम तरह की शराबबंदी पर बातें करती थी और आज सरकार में है तो उसके नेता चुप हैं.

वहीं, प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शराबबंदी पर समीक्षा नहीं 48 घंटे में इसे वापस करने की जरूरत है. सरकार को इस पर विधेयक लाकर इसे वापस करना चाहिए. इस पर समीक्षा की अब जरूरत नहीं है. 

बता दें कि, बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद बीजेपी सुपर एक्टिव हो गई है. बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल छपरा जा रहा है जो छपरा में हुई शराब से मौतों पर अपनी जांच करेगा. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा करेंगे इस प्रतिनिधिमंडल में कई विधायक शामिल होंगे.

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार विपक्ष की भावना को दबाना चाहती है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. वह कतई संसदीय तौर पर उचित नहीं है.

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