पटना स्थित एनआईटी के पीछे गांधी घाट को एनआईटी घाट के नाम से भी जाना जाता है. पटना में स्थित गंगा घाटों में यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है. यहां आप गंगा आरती देखने के साथ साथ बोट की सवारी कर सकते हैं और लजीज व्यंजनों का स्वाद भी चख सकते हैं. गांधी घाट का मुख्य आकर्षण यहां शाम में होने वाली गंगा आरती है, जो 6 से 6:30 बजे तक होती है.
पटना का दूसरा भीड़ भाड़ और सुंदरता से भरपूर गंगा घाट दीघा में है. इस घाट पर आपको शांति, गंगा की लहरें और सूर्यास्त के संगम शानदार नजारा देखने को मिल सकता है. इसके अलावा दीघा घाट पर आप नौका विहार का भी आनंद ले सकते है. दीघा घाट पर पटना में सबसे खूबसूरत सूर्यास्त का नजारा देखा जा सकता है.
पटना में गंगा नदी के किनारे स्थित कृष्णा घाट सबसे लंबा घाट है, इस घाट की लंबाई करीब 119.5 मीटर है. कृष्णा घाट से लेकर गांधी घाट तक नदी के किनारे का बाजार बादशाहीगंज फैला हुआ था. इस घाट के पास में ही पटना विश्वविद्यालय परिसर स्थित है.
पटना के अदालतगंज घाट के पास पटना जिला न्यायालय परिसर एवं जगन्नाथ मंदिर स्थित है. इस घाट की लंबाई करीब 60 मीटर है. यहां अक्सर लोग शानदार सूर्यास्त देखने के लिए आते हैं. यहां लोगों के बैठने के लिए नदी के किनारे आकर्षक चबूतरे भी बनाए गए हैं.
पटना के बांस घाट को मोक्ष का घाट भी कहा जाता है. इस घाट का नाम बांसघाट गंगा किनारे बांस के काफी पौधे होने के कारण पड़ा. इस घाट एक शमशान घाट भी है, जहां देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की समाधि बनाई गई है. लगभग 300 साल पहले इस घाट पर स्थित काली मंदिर की स्थापना अघोर पंथ के तांत्रिकों ने की थी.
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