Kanya Vivah Yojana: बिहार सरकार राज्य की गरीब लड़कियों की शादी के समय आर्थिक मदद करती है. ऐसे में आज हम उसकी पात्रता के बारे में बताने जा रहे है.
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पटना: Kanya Vivah Yojana: देश में लड़कियों के कल्याण के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है. इसी कड़ी बिहार सरकार की तरफ से भी एक योजना चलाई जा रही है, जिसका नाम मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना है. इस योजना में बिहार सरकार की तरफ से प्रदेश के बीपीएल परिवार की लड़कियों के विवाह के समय 5000 की आर्थिक सहायता दी जाती है. वहीं अब खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को बढ़ाया जाने वाला है. समाज कल्याण विभाग ने योजना की राशि पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है.
विभाग के मुताबिक 2012 से अबतक लगभग 16 लाख से अधिक लाभुकों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना लाभ मिला है. साथ ही, विभाग ने इस योजना के प्रचार-प्रसार का दायरा बढ़ाने फैसला लिया है. इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस योजना के लाभ का प्रचार गांव -गांव में करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके.
बता दें कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत 2007 में हुई थी, जिसका उदेश्य राज्य के निर्धन परिवार को विवाह के समय आर्थिक सहायता, विवाह के निबंधन को प्रोत्साहित करना, कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करना और बाल विवाह को रोकना है. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत राज्य के बीपीएल तथा ऐसे अन्य परिवार जिनकी वार्षिक आय 60 हजार रुपये तक होगी, उन्हें शादी के समय 5000 रुपया भुगतान किया जाता है. पहले इस योजना में प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवंटन उपलब्ध कराया जाता था और प्रखंड स्तर से ही राशि का भुगतान किया जाता था, लेकिन 2012 से योजना का आवेदन आरटीपीएस के माध्यम से लिया जाने लगा.
बाद में विभाग ने भुगतान में होनी वाली देरी एवं भुगतान से संबंधित अन्य समस्याओं को देखते हुए 2019 से इ-सुविधा पोर्टल पर डीबीटी के माध्यम से योजना का भुगतान करने लगा. अब प्रखंड स्तर पर आरटीपीएस काउंटर पर प्राप्त आवेदन को प्रखंड स्तर से इ-सुविधा पोर्टल पर अपलोड करा कर स्वीकृत किया जाता है.
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए यह है पात्रता
कन्या के माता-पिता बिहार के रहने वाले हो.
विवाह के समय कन्या की उम्र कम से कम 18 साल और दुल्हे की उम्र 21 वर्ष हो.
पुनर्विवाह का मामला नहीं होना चाहिए, लेकिन विवाह अधिनियमों के अंतर्गत वैध पुनर्विवाह के मामले में यह अनुदान देय होगा. विधवा विवाह को पुनर्विवाह नहीं माना जायेगा.
विवाह का निबंधन कराना होगा
दहेज नहीं देने की घोषणा करना होगा.