Pitru Paksha 2022: जानिए श्राद्ध के लिए क्या है जरूरी सामग्री, आज ही ले आइए सारा सामान
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Pitru Paksha 2022: जानिए श्राद्ध के लिए क्या है जरूरी सामग्री, आज ही ले आइए सारा सामान

Pitru Paksha 2022: सनातन परंपरा में पितृपक्ष का स्थान अति महत्वपूर्ण होता है. पितृ पक्ष में हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों और पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म एवं पिंड दान करते हैं. इससे उनके पितर अति प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

Pitru Paksha 2022: जानिए श्राद्ध के लिए क्या है जरूरी सामग्री, आज ही ले आइए सारा सामान

पटनाः Pitru Paksha 2022: सनातन परंपरा में एक सूक्ति वाक्य कहा जाता है, चैरेवेति-चरैवेति. यानी चलते रहो-चलते रहो. इसका तात्पर्य यह है कि सनातन आपको हमेशा आगे की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है. आगे की ओर बढ़ने की इस प्रेरणा के पीछे यह भी ध्येय है कि जो बीत गया है मनुष्य उससे मुंह न मोड़े. श्राद्ध पक्ष इसी उद्देश्य की पूर्ति करते हैं, जहां मनुष्य अपने बीत चुके समय, अपने जा चुके पूर्वजों की ओर देखता है और उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हुए उनके सामने श्रद्धा से सिर झुकाता है. 

पितृ पक्ष कब से होगा प्रारंभ?
सनातन परंपरा में पितृपक्ष का स्थान अति महत्वपूर्ण होता है. पितृ पक्ष में हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों और पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म एवं पिंड दान करते हैं. इससे उनके पितर अति प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं. पितरों के आशीर्वाद से घर-परिवार में धन-दौलत, सुख-सुविधा, मान-सम्मान और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है. पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक होता है. इस साल में भादो की पूर्णिमा 10 सितंबर 2022 को होगी. इसी दिन पितृ पक्ष शुरू हो रहा है.

श्राद्ध पूजा की ये है सामग्री
श्राद्ध कैसे करें इसके लिए वैदिक ग्रंथों में बताया गया है. वेदों में सबसे प्राचीन ऋग्वेद अष्टहोम और मंत्रों के साथ तर्पण की व्याख्या करता है, वहीं यजुर्वेद में तर्पण करने को भी यज्ञ के समान ही बताया गया है. इसके अलावा रामायण-महाभारत जैसी कथाओं में श्राद्ध प्रक्रिया के पूरे विवरण मिलते हैं. पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करने और श्राद्ध करने के लिए रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी , रक्षा सूत्र, चावल,  जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद,  काला तिल, तुलसी पत्ता , पान का पत्ता, जौ,  हवन सामग्री, गुड़ , मिट्टी का दीया , रुई बत्ती, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल,  खजूर, केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वांक के चावल, मूंग, गन्ना की जरूरत होती है. इस लिए इसे पितृ पक्ष के पहले ही एकत्र कर लें.

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