'झारखंड, बिहार में धड़ल्ले से हो रहा अवैध रेत खनन', केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने लगाए गंभीर आरोप
Advertisement

'झारखंड, बिहार में धड़ल्ले से हो रहा अवैध रेत खनन', केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने लगाए गंभीर आरोप

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को आरोप लगाया कि झारखंड और बिहार में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन हो रहा है.

 (फाइल फोटो)

दुमका: केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को आरोप लगाया कि झारखंड और बिहार में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन हो रहा है. झारखंड के दुमका जिले में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ने कहा कि झारखंड और बिहार में अवैध रेत खनन प्रकृति के लिए भी खतरा है. 

 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, 'राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के कई निर्देशों के बावजूद, दो राज्यों (झारखंड और बिहार) में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है.' पंद्रह नवंबर को खूंटी जिले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई भारत संकल्प यात्रा के हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्री झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं. मंत्री ने कहा, 'दोनों राज्यों में हत्या, बलात्कार और अन्य अपराधों की बढ़ती घटनाओं के पीछे अवैध खनन एक प्रमुख कारण है. अवैध खनन प्रकृति के लिए भी एक बड़ा खतरा है.' 

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर चौबे ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली जलाना और वाहनों से होने वाला प्रदूषण है. पराली सबसे ज्यादा पंजाब में जलाई जाती है.' 

चौबे ने कहा कि केजरीवाल ने दावा किया था कि अगर पंजाब में आप की सरकार बनी तो वहां पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी. उन्होंने दावा किया, 'लेकिन, हुआ इसका बिलकुल उल्टा. फिलहाल पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है. हमारी रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन पहले ही पंजाब में 1,973 जगहों पर पराली जलाई गई, जबकि हरियाणा में जहां भाजपा की सरकार है, वहां महज 36 जगहों पर पराली जलाई गई.' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने शहरों में 1,000 ‘नगर वन’ विकसित करने का फैसला किया है. 

(इनपुट भाषा के साथ) 

Trending news