कैसे बनता है कुंडली में पंचग्रही, महालक्ष्मी और अखंड साम्राज्य योग, यहां जानें
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कैसे बनता है कुंडली में पंचग्रही, महालक्ष्मी और अखंड साम्राज्य योग, यहां जानें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपकी कुंडली में नवग्रहों की स्थिति और इसके साथ ही कुंडली में बन रहे इनकी वजह से योग या तो आपके जीवन पर शुभ असर डालते हैं या फिर अशुभ असर. आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 300 तरह के योग बनते हैं.

(फाइल फोटो)

Panchgrahi Mahalakshmi and Akhand Samrajya Yoga: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपकी कुंडली में नवग्रहों की स्थिति और इसके साथ ही कुंडली में बन रहे इनकी वजह से योग या तो आपके जीवन पर शुभ असर डालते हैं या फिर अशुभ असर. आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 300 तरह के योग बनते हैं. इन योगों में कुछ बेहद शुभ, कुछ शुभ, कुछ अशुभ और कुछ बेहद अशुभ योग होते हैं. आपको बता दें कि जातक की जिंदगी पर उनकी कुंडली में बन रहे योगों का सकारात्मक या नकारात्मक असर देखने को मिलता है. ऐसे में हन आज आपको कुंडली के तीन शुभ योगों के बारे में बताएंगे. जब किसी जातक की कुंडली में इनमें से एक भी योग बन रहा हो तो वह जातक की जिंदगी में क्या असर डालता है. 

सबसे पहले हम उन तीन योग के बारे में बात करते हैं. ये तीन शुभ योग हैं पंचग्रही, महालक्ष्मी और अखंड साम्राज्य योग. ये तीनों ही योग जातक के जीवन में शुभकारक योग हैं. ऐसे में यह योग जातक की जिंदगी में तभी अत्यधिक शुभता प्रदान करते हैं. जब जातक की कुंडली में इन योगों के निर्माण करनेवाले ग्रहों की स्थिति काफी अच्छी और मजबूत हो नहीं तो जातक को इसका उतना शुभ असर नहीं दिखता जितना इन योगों के बनने पर होना चाहिए.   

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इन तीनों में से एक पंच ग्रही योग को ज्योतिष में बेहद शुभ योग माना गया है. अगर किसी जातक की कुंडली में एक साथ 5 ग्रह हों तो पंच ग्रही योग का निर्माण होता है. ऐसे जातक को जीवन में खूब सुख समृद्धि, मान सम्मान, प्रतिष्ठा और उच्च पद मिलता है. यह योग हमेशा शुभ नहीं होता क्योंकि कुंडली मे चल रहे दूसरे अशुभ योगों की वजह से इसका लाभ जातक को नहीं मिलता है. यह योग अगर कुंडली में बुध के बिना और राहु केतु में से किसी एक के साथ बने तो शुभ फलदायी होता है. इसमें जातक की कुंडली के एक घर में अगर शुभ ग्रह ज्यादा और अशुभ ग्रह कम हों तो इसका ज्यादा लाभ जातक को मिलता है. 

वहीं कुंडली का अखंड साम्राज्य योग अति फलदाई और प्रभावी माना गया है. बता दें कि मेष, वृषभ, सिंह राशि के जातकों के साथ वृश्चिक और कुंभ लग्न में जन्म लेने वाले जातकों को इस योग का विशेष फायदा मिलता है. ऐसे जातक बड़े राजनेता बनकर उभरते हैं. इस योग के कारण जातकों को कभी धन की कमी नहीं रहती है साथ ही पैतृक संपत्ति का लाभ भी मिलता है. 

वहीं किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक ही भाव स्थित हों तो और युति कर रहे हों तब महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है. महालक्ष्मी योग से जातकों के जीवन में धन की कमी नहीं रहती है. 

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