हिंदू या सनातन संस्कृति में विवाह को एक पवित्र बंधन माना गया है. तमाम किस्म के रिति-रिवाजों से, रस्मों से सजी शादी में तमाम ऐसे कार्य इस दौरान कराए जाते हैं. जिनके महत्व के बारे में लोगों को कम ही पता है.
Trending Photos
Hindu Marriage: हिंदू या सनातन संस्कृति में विवाह को एक पवित्र बंधन माना गया है. तमाम किस्म के रिति-रिवाजों से, रस्मों से सजी शादी में तमाम ऐसे कार्य इस दौरान कराए जाते हैं. जिनके महत्व के बारे में लोगों को कम ही पता है. आपको पता है कि हिंदू शादियों में लड़के और लड़की को ध्रूवतारा दिखाने की परंपरा है. अग्नि के सात फेरे लेने की परंपरा है. शादी के वक्त लड़के और लड़की की गठबंधन की परंपरा है. इस गठबंधन के दौरान जिस लड़की के साड़ी के पल्लू को लड़के की धोती या गमछे के छोर से बांधा जाता है उसमें कुछ चीजें डाली जाती है.
क्या आपको पता है कि इस गठबंधन के दौरान लड़की के आंचल में जो 5 चीजें बांधी जाती हैं तो वह क्या है और इन चीजों का ही इस्तेमाल गठबंधन के समय क्यों किया जाता है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि शादी के पवित्र बंधन में बंध रहे वर-कन्या के गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती में जो 5 चीजें डाली जाती हैं उनमें सिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत होता है. इन पांचों चीजों का महत्व उनकी गे की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. यह पांच चीजें संकेत देती हैं कि वर-वधु अपने जीवन में इन चीजों से क्या सीखें और यह गठबंधन कितना मजबूत हो.
पैसा (सिक्का)
गठबंधन के समय सिक्के का इस्तेमाल इस बात को दर्शाता है कि धन पर दोनों का समान अधिकार होगा, किसी एक का इस पर पूर्ण अधिकार नहीं होगा. ऐसे में जीवन भर दोनों का समांजस्य बेहतर बना रहेगा.
फूल
यह जीवन में प्रसन्नता का प्रतीक है. इसके साथ ही वहां जितने भी लोग वहां उपस्थित हैं उनकी तरफ से दोनों वर-वधु को दी जा रही शुभकामनाओं का भी प्रतीक है. ताकि दोनों पूरे जीवन हंसते-खिलखिलाते और प्रसन्नचित्त रहें. एक दूसरे की प्रशंसा करें और एक दूसरे के साथ हंसी-खुशी से जीवन गुजारें.
हल्दी
हल्दी का पीलापन उनके जीवन में गुरु का प्रतीक बने. वह दोनों आरोग्य को प्राप्त करें. एक दूसरे को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए प्रयास करें. साथ ही दोनों किसी भी मामले में निर्णय आपसी परामर्श से लें.
दूर्वा
दूर्वा को विश्वास का प्रतीक माना गया है. ऐसे में आपको बता दें कि यह रिश्ता वैसे भी विश्वास पर टिका होता है. ऐसे में दूर्वा देने के पीछे का उद्देश्य यह है कि दोनों के रिश्ते में विश्वास बना रहे और दोनों का प्रेम हमेशा हरा भरा रहे. जैसे दूर्वा पानी में डालने पर हरी हो जाती है.
अक्षत (चावल)
अक्षत को अन्नपूर्णा का प्रतीक माना गया है. ऐसे में इसे गठबंधन में डालने का उद्देश्य यह है कि जो भी धन कमाएं उसे मिल बांटकर खाएं. परिवार के प्रति आपकी सेवा और उत्तरदायित्व की यह याद दिलाता रहता है.
ये भी पढ़ें- Gems Rules: रत्न धारण करने से चमक उठेगी किस्मत, ग्रहों के अनुकूल रत्नों को करें धारण