Devi Lakshami will Go: देवी लक्ष्मीजी ने देवराज इंद्र के पूछने पर खुद बताया है कि वह किन स्थानों पर रहती हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग व्रत उपवास करते हैं. प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व बिस्तर का त्याग कर देते हैं. मैं वहां रहती हूं.
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पटनाः Devi Lakshami will Go: माता लक्ष्मी को सनातन परंपरा में धन की देवी कहा जाता है. जिस घर में उनका वास होता है, वहां सभी सद्गुण आते हैं और खुद देवी लक्ष्मी उस परिवार को वैभव देती हैं. लक्ष्मी का एक नाम चंचला भी है. यानी वह एक स्थान पर बहुत ज्यादा नहीं ठहरती हैं. उन्होंने आचरण में गलतियां होने पर देवताओं का भी त्याग कर दिया था और वह दैत्यों से पराजित हो गए थे. इसलिए देवताओं ने खुद एक बार देवी लक्ष्मी से उपाय पूछा कि वह किस स्थान पर हमेशा ठहरती हैं.
यहां रहती हैं देवी लक्ष्मी
देवी लक्ष्मीजी ने देवराज इंद्र के पूछने पर खुद बताया है कि वह किन स्थानों पर रहती हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग व्रत उपवास करते हैं. प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व बिस्तर का त्याग कर देते हैं. रात को सोते समय दही का सेवन नहीं करते हैं. सुबह-सुबह घी और पवित्र वस्तुओं का दर्शन करते हैं. मैं उनके यहां निवास करती हूं, जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उनके यहां से मैं तुरंत ही चली जाती हूं. इसके अलावा दिन के समय जो लोग कभी सोते नहीं हैं. सत्य बोलते हैं और कर्म प्रधान होते हैं, उनके स्थान पर मैं हमेशा रहती हूं. आगे लक्ष्मी जी ने बताया कि जो पुरुष दानशील, बुद्धिमान भक्त, सत्यवादी होते हैं, उनके घर में मेरा वास होता है. जो लोग ऐसे कर्म नहीं करते हैं. मैं उनके यहां निवास नहीं करती हूं.
सच्चे शूरवीर लोगों पर भी प्रसन्न होती हैं माता
जो लोग पितरों का तर्पण नहीं करते हैं. जो लोग दान-पुण्य नहीं करते हैं, वहां देवी लक्ष्मी नहीं रहती हैं. जहां मूर्खों का आदर होता है. वहां उनका निवास नहीं होता. जहां साफ- सफाई नहीं रखी जाती हैं. वहां लक्ष्मी का निवास नहीं होता है. धर्मशील पुरुषों के देश में, नगर में, घर में सदैव निवास करती हैं. लक्ष्मी उन्हीं लोगों पर कृपा बरसाती हैं जो युद्ध में पीठ दिखाकर नहीं भागते हैं, शूरवीर लोगों से लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं.
रसोई भी रखनी चाहिए पवित्र
जिन घरों मे खाना बनाते समय पवित्रता का ध्यान नहीं रखा जाता है. जहां जूठे हाथों से ही घी को छू लिया जाता है. वहां मैं निवास नहीं करती हूं. लक्ष्मीजी ने बताया जिन घरों में लोग अपने वृद्ध पर, नौकरों के समान हुकुम चलाते हैं. उन्हें कष्ट देते हैं. अनादर करते हैं मैं उन घरों का त्याग कर देती हूं. यह स्त्रियां भी करें तो मैं सारे सौभाग्य के साथ वहां से चली जाती हूं.