Bihar News : कैमूर में कालीन बनाने वाले बुनकरों से मिलेंगे मुख्यमंत्री, दे सकते है ये बड़ी सौगात
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Bihar News : कैमूर में कालीन बनाने वाले बुनकरों से मिलेंगे मुख्यमंत्री, दे सकते है ये बड़ी सौगात

बुनकर अमजद अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग उत्तर प्रदेश के भदोही से धागा, काटी, कालीन बुनने से संबंधित सभी प्रकार के सामग्रियों को लाते हैं और कालीन तैयार करने के बाद हम लोग यूपी के भदोही भेज देते हैं.

Bihar News : कैमूर में कालीन बनाने वाले बुनकरों से मिलेंगे मुख्यमंत्री, दे सकते है ये बड़ी सौगात

कैमूर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविनार को कैमूर के कोचाढ़ी गांव में कालीन बनाने वाले बुनकरों से मुलाकात करेंगे. जिसको लेकर बुनकरों में काफी खुशी है. उनको यह उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पहली बार यहां आ रहे हैं तो हमारी समस्याओं को सुनेंगे और निदान करेंगे. जिससे हम सभी बुनकर के दिन अच्छे होंगे. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर पूरे गांव में तैयारियां तेज हो गई है. जहां जीविका दीदी के एक दुकान का भी मुख्यमंत्री निरीक्षण करेंगे और उनसे मुलाकात करेंगे.

बुनकरों से मुलाकात करेंगे सीएम
बुनकर अमजद अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग उत्तर प्रदेश के भदोही से धागा, काटी, कालीन बुनने से संबंधित सभी प्रकार के सामग्रियों को लाते हैं और कालीन तैयार करने के बाद हम लोग यूपी के भदोही भेज देते हैं. वहां से कालीन का मीटर के हिसाब से माप कर रुपया दिया जाता है, जो रुपया मिलता है उसके मुताबिक प्रतिदिन की मजदूरी 200 से 250 रुपया तक ही मिल पाती है. जबकि उसके एवज में 10 से 12 घंटा हम लोग काम करते हैं. ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल है. मुख्यमंत्री आ रहे हैं अच्छा लग रहा है, हम लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हम सभी बुनकरों के लिए जिले में एक ऐसा संसाधन उपलब्ध करा दें जिसमें सभी बुनकर यहीं पर काम करें और 500 से 600 हिसाब से मजदूरी भी मिले.

कारीगरों ने परेशानियों से करवाया अवगत
कारीगर अंतू शर्मा बताते हैं हम यहां मजदूरी करते हैं. हम लोगों के साथ महिलाएं भी काम करती है. इस गांव में लगभग ढाई सौ मजदूर कालीन का काम करते हैं और कई लोग इस काम को करने के लिए जगह नहीं होने के कारण भदोही चले जाते हैं, जो मजदूरी मिलता है मेहनत का अनुसार नहीं मिल पाता. हम लोग चाहते हैं कि सरकार यहां पर कोई हब बना दें जिससे हम लोगों की मजदूरी उचित मिले और एक साथ सभी लोग काम भी कर सके और किसी को बाहर नहीं जाना पड़े. मोहम्मद सोहेल अंसारी बताते हैं गलीचा यानी कालीन बुन कर भदोही भेजने में उचित दर नहीं मिल पाता है. सरकार से मांग करते हैं वह कैमूर में ही हम लोगों के लिए इस क्षेत्र में उचित कार्य कराया जाए जिससे कि ऊचित मजदूरी मिल जाए.

इनपुट - मुकुल जायसवाल और नरेंद्र जायसवाल

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