छठ महापर्व को लेकर तैयारी में जुटा पटना जिला प्रशासन, खतरनाक घाटों को चिह्नित करने के निर्देश
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छठ महापर्व को लेकर तैयारी में जुटा पटना जिला प्रशासन, खतरनाक घाटों को चिह्नित करने के निर्देश

Chhath Puja 2022: दुर्गा पूजा के बाद अब बिहार में छठ महापर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. पटना जिला प्रशासन छठ की तैयारी में जुट गया है. 20 सेक्टर मजिस्ट्रेट को तीन दिन में 105 छठ घाटों का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.

छठ महापर्व को लेकर तैयारी में जुटा पटना जिला प्रशासन, खतरनाक घाटों को चिह्नित करने के निर्देश

पटना: Chhath Puja 2022: दुर्गा पूजा के बाद अब बिहार में छठ महापर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. पटना जिला प्रशासन छठ की तैयारी में जुट गया है. 20 सेक्टर मजिस्ट्रेट को तीन दिन में 105 छठ घाटों का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. तीन दिनों में उन्हें जिले के सभी खतरनाक और पूजा करने लायक घाटों की पहचान करनी है. साथ ही दो सप्ताह के अंदर घाटों को तैयार करने के लिए आवश्यक संसाधन का आकलन करने के लिए भी कहा गया है.

2021 में 12 घाट खतरनाक 
बता दें कि पिछले साल जिले के 96 गंगा घाटों पर महापर्व हुआ था. जिला प्रशासन ने 2021 में 12 घाटों को खतरनाक घोषित किया था. डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने  समाहरणालय में आयोजित बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को टीम भावना के साथ काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने छठ पूजा से तीन दिन पहले राजधानी के सभी सड़कों को मोटरेबुल करने का निर्देश दिया. 

28 अक्टूबर को नहाय-खाय
छठ पर्व की तैयारियों के लिए कोषांग का भी गठन किया गया है. उपविकास आयुक्त को कोषांग का वरीय नोडल पदाधिकारी और अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. इन अधिकारियों को संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर समय पर संसाधन उपलब्ध कराने और तैयारी पूरी करने की जिम्मेवारी दी गई है. बता दें कि छठ महापर्व की शुरुआत इस साल 28 अक्टूबर को नहाय-खाय से होगी. 29 अक्टूबर को खरना, 30 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 31 अक्टूबर प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ छठ खत्म होगा. 

बांकीपुर क्लब परिसर में ठहरने की व्यवस्था
बता दें कि जिले के ग्रामीण इलाकों से व्रती क्लेक्ट्रेट परिसर छठ करने पहुंचते हैं. लेकिन, इस बार यहां बिल्डिंग का निर्माण काम चल रहा है. इस कारण इस बार विकल्प के तौर पर बांकीपुर क्लब परिसर में व्रतियों के ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है. इसके लिए बांकीपुर क्लब और कलेक्ट्रेट के बीच से गंगा रिवर फ्रंट पर जाने के लिए रास्ता बनाया गया है. 

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