Chanakya Niti : घर के मुखिया में जरूर होने चहिए ये 5 गुण, परिवार को नहीं झेलना पड़ेगा आर्थिक संकट
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Chanakya Niti : घर के मुखिया में जरूर होने चहिए ये 5 गुण, परिवार को नहीं झेलना पड़ेगा आर्थिक संकट

Chanakya Niti: मशहूर कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ  आचार्य चाणक्य ने खुशहाल जीवन जीने के लिए सभी उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ बातें जरूर बताई है.  चंद्रगुप्त मौर्य की प्रतिभा को पहचाकर आचार्य चाणक्य ने ही उन्हें सम्राट बनाया था.

Chanakya Niti : घर के मुखिया में जरूर होने चहिए ये 5 गुण, परिवार को नहीं झेलना पड़ेगा आर्थिक संकट

पटना:Chanakya Niti: मशहूर कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ  आचार्य चाणक्य ने खुशहाल जीवन जीने के लिए सभी उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ बातें जरूर बताई है.  चंद्रगुप्त मौर्य की प्रतिभा को पहचाकर आचार्य चाणक्य ने ही उन्हें सम्राट बनाया था. चाणक्य ने अर्थशास्त्र पर किताब लिखने के साथ साथ नीति ग्रंथ नाम की एक किताब भी लिखी थी. इसमें उन्होंने इंसान को सामाजिक, व्यावसायिक, आर्थिक और कूटनीतिज्ञ नीतियों के इस्तेमाल करने की सलाह दी है. चाणक्य के नीति शास्त्र पढ़कर यदि आप इस पर अमल करते हैं तो आप जीवन में कभी असफल नहीं हो सकते. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि घर की तरक्की उसके मुखिया पर निर्भर करती है. उन्होंने बताया है कि घर के मुखिया में कुछ विशेष गुण होने बहुत जरूरी हैं. यदि वो गुण नहीं हों तो उस घर में कभी बरकत नहीं होगी.

पैसे की बचत

आचार्य चाणक्य का कहना है कि घर के मुखिया को पैसे की बचत करने आना चाहिए. मुखिया की ये जिम्मेदारी होती है कि वो पैसे की बचत करे ताकि भविष्य में कुछ जरूरत हो तो किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े.

अनुशासित माहौल रखे

चाणक्य का कहना है कि कोई परिवार तरक्की तभी करता है जब अपने लिए गए निर्णय पर घर का मुखिया अडिग रहे और घर के माहौल को वो अनुशासित रखे.

कान का कच्चा न हो

घर के मुखिया को किसी प्रमाण के बिना किसी भी बात का यकीन नहीं करना चाहिए. घर के मुखिया को कभी कान का कच्चा नहीं होना चाहिए. यदि घर में किसी तरह का मन मुटाव चल रहा है तो मुखिया दोनों पक्षों की बात अच्छी तरह सुनने के बाद मामला सुलझाने का प्रयास करे.

खर्च पर रखे कंट्रोल

आचार्य चाणक्य का कहना है कि घर के मुखिया की जिम्मेदारी होती है कि वो आय के हिसाब से घर में खर्च करे.  खर्च पर नियंत्रण रखना आना चाहिए. अगर ऐसा नहीं कर पाता है तो परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा.

फैसले लेते समय सावधानी

आचार्य चाणक्य का कहना है घर के मुखिया को किसी भी फैसले को बहुत सोच समझकर लेना चाहिए. उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके लिए फैसले से घर के किसी सदस्य को कोई नुकसान नहीं होगा.

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