BPSC Success Story: मेहनत और दृढ़ता से औरंगाबाद के अमरनाथ कुमार बने एसडीएम, जानें सफलता की कहानी
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BPSC Success Story: मेहनत और दृढ़ता से औरंगाबाद के अमरनाथ कुमार बने एसडीएम, जानें सफलता की कहानी

BPSC Amarnath Kumar: अमरनाथ कुमार की यह यात्रा यह दिखाती है कि अगर सच्चे मन से मेहनत और समर्पण के साथ किसी लक्ष्य को पाने की कोशिश की जाए, तो सफलता जरूर मिलती है. उनकी सफलता की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करना चाहते हैं.

BPSC Success Story: मेहनत और दृढ़ता से औरंगाबाद के अमरनाथ कुमार बने एसडीएम, जानें सफलता की कहानी

BPSC Success Story: औरंगाबाद के अमरनाथ कुमार ने बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षा में 19वां स्थान हासिल कर एसडीएम (उप जिलाधिकारी) के पद के लिए चयनित होकर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है. अमरनाथ नूरसराय प्रखंड के परिऔना गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता गिरीश कुमार एलआईसी कार्यालय में परिचारी के रूप में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां आशा देवी एक गृहिणी हैं. अमरनाथ की इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को गर्व महसूस कराया है.

बड़े भाई को दिया सफलता का पूरा श्रेय
अमरनाथ ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने बड़े भाई जगरनाथ कुमार को दिया, जो पेशे से लोको पायलट हैं. अमरनाथ का कहना है कि उनके बड़े भाई ने हमेशा उनकी पढ़ाई में हर कदम पर साथ दिया और उन्हें सही दिशा दिखाने में अहम भूमिका निभाई. जगरनाथ कुमार ने न केवल अमरनाथ की पढ़ाई को गंभीरता से लिया, बल्कि हर तरह से उनकी मदद की, चाहे वह आर्थिक सहायता हो या फिर मानसिक प्रोत्साहन. उनके बड़े भाई की मेहनत और समर्पण ने ही उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है.

सही दिशा और मेहनत ने बनाया एसडीएम
अमरनाथ ने अपने शुरुआती शिक्षा की बात करते हुए बताया कि उन्होंने अपने गांव के स्थानीय स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए एक बेहतर संस्थान का रुख किया, ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें. उनकी पढ़ाई के प्रति समर्पण और अनुशासन ने उन्हें कठिनाईयों का सामना करने के काबिल बनाया. अमरनाथ का कहना है कि सिविल सेवा की तैयारी के दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत और धैर्य से काम लिया. रोजाना की पढ़ाई और सही दिशा में मेहनत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया.

सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को दी सलाह
अमरनाथ का कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में समय प्रबंधन और सही रणनीति बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि अपने समय को इस तरह विभाजित किया कि हर विषय पर ध्यान दिया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने रोजाना एक लक्ष्य तय किया और उसे पूरा करने के लिए पूरे मन से प्रयास किया. अमरनाथ ने सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को सलाह दी कि उन्हें निरंतरता बनाए रखनी चाहिए और अपनी कमजोरियों पर ध्यान देकर उन्हें सुधारने की कोशिश करनी चाहिए.

पूरे परिवार को अमरनाथ पर है गर्व
अमरनाथ की सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है. उनके पिता गिरीश कुमार और मां आशा देवी ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अमरनाथ ने उन्हें गर्व महसूस कराया है. उनकी मेहनत और समर्पण का फल आज उन्हें मिला है. पूरे गांव में भी अमरनाथ की सफलता की चर्चा हो रही है और सभी लोग उनकी इस उपलब्धि पर खुश हैं. साथ ही अमरनाथ कुमार का यह सफर यह साबित करता है कि यदि सच्ची मेहनत और समर्पण से किसी लक्ष्य को पाने की कोशिश की जाए, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है. उनकी सफलता की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने का सपना देखते हैं.

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