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पटना : Pakistani girl in Bihari accent: 15 अगस्त 1947 के पहले भारत और पाकिस्तान एक ही देश हुआ करता था लेकिन बंटवारे के बाद पाकिस्तान और भारत बना तो भारत के कुछ लोग पाकिस्तान चले गए और वहां बस गए, फिर भी वह अपनी सभ्यता, संस्कृति, अपना खान-पान और रहन-सहन का तरीका नहीं भूले. आज भी उनके दिलों में हिंदुस्तान बसता है.
पाकिस्तान की सरहद से भीतर से एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर हंगामा मचा रहा है. इस वीडियो को एक पाकिस्तानी लड़की ने बनाया है. जिसका परिवार बिहार की राजधानी पटना से था और बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाकर बस गया. फिर भी इश परिवार ने अभी तक बिहार की संस्कृति यहां के खाने, पहनावे और रहन-सहन के साथ यहां के रिति-रिवाज को नहीं छोड़ा और इश लड़की ने साफ तौर पर इस वीडियो में बताया है कि कैसे वह बिहार की इस भूमि से आज भी उतना ही प्यार करती हैं.
Once a Bihari, always a Bihari!
Muslims from Bihar, who at the time of the partition in 1947 had to leave their ancestral home in #Bihar and moved to Pakistan, still retain their distinct identity, food, culture and the famed #Bihari accent.@waj_huss @rifatjawaid @maryashakil pic.twitter.com/qlpun4lDM3
— Bihar Foundation (@biharfoundation) December 24, 2022
बिहार फाउंडेशन की तरफ से इस वीडियो को ट्वीटर पर आप देख सकते हैं. जिसमें एक पाकिस्तानी लड़की बता रही है कि कैसे बंटवारे के बाद उसका परिवार पटना से पाकिस्तान तो पहुंच गया लेकिन बिहार आज भी उनके अंदर जिंदा रहता है. वह बिहार की संस्कृति, यहां के रिति-रिवाज, यहां के परिधान, यहां के खान-पान और यहां के शादी ब्याह के बारे में सब कुछ बताती है.
वह वीडियो में एकदम खड़ी बिहारी भाषा में कहती है कि पाकिस्तान के एक वीडियो को देखने के बाद उसे लगा कि क्यों ना वह अपनी सभ्यता संस्कृति भी सबके साथ शेयर करे. वह बताती है कि उसका ताल्लुक पाकिस्तान में रहनेवाली एक बिहार कम्यूनिटी से है. वह बताती है कि बंटवारे से पहले उसके पूर्वजों का संबंध बिहार के शहर पटने में रहते थे जहां की कल्चर और ट्रेडिशन बेहतरीन है. जैसे वह कहती है कि खाने के मामले में बिहारी कबाब जो काफी फेमस हैं, हम मसालों से भरे खाने पसंद करते हैं. हमारे यहां अचार भी घर पर बनाया जाता है. मीठे में हमारे यहां खाजा बनाया जाता है, जिसका स्वाद अद्भुत है. इसके अलावा लिट्टी-चोखा जिसके स्वाद को कौन नहीं जानता है. इसके साथ ही सब्जी में कटहल को खूब प्यार से खाया जाता है. वह बताती हैं कि हमारे यहां बेसन के नहीं बल्कि दाल के पकोड़े बनते हैं जो कि काफी करारी कुरमुरी सी होती है.
वह एकदम बिहारी अंदाज में पूछती है कि हम जो आपको समझाना चाह रहे हैं वह आप समझ रहे हैं ना, हमारे यहां दाल-चावल तो इतनी फेमस है कि उसकी वैल्यू बिरयानी की तरह है. दाल चावल सप्ताह के हर दिन बिहारी परिवार में बनना अनिवार्य है. इसके साथ ही वहां की छापा साड़ी जो चांदी के काम के साथ तैयार की जाती है. साथ में चांदी की ज्वैलरी के साथ इसे पहना जाता है. ये हमारे यहां निकाह का स्पेशल ड्रेस होता है.
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