वाल्मीकि टाइगर रिजर्व हुआ अत्याधुनिक, इलाज के लिए जानवरों को नहीं पड़ेगा भटकना
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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व हुआ अत्याधुनिक, इलाज के लिए जानवरों को नहीं पड़ेगा भटकना

Bihar News: बिहार के इकलौते वीटीआर जंगल से भोजन पानी की तलाश में अक्सर हिंसक वन्य जीव रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं. जिसके बाद उनके रेस्क्यू को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब यह परेशानी दूर हो जाएगी.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व हुआ अत्याधुनिक, इलाज के लिए जानवरों को नहीं पड़ेगा भटकना

बगहा:Bihar News: बिहार के इकलौते वीटीआर जंगल से भोजन पानी की तलाश में अक्सर हिंसक वन्य जीव रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं. जिसके बाद उनके रेस्क्यू को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब यह परेशानी दूर हो जाएगी. दरअसल नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के निर्देश व पहल पर ICICI फाउंडेशन द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एनिमल मोबाइल मेडिकल एंबुलेंस वीटीआर को सौंपा गया है. इस एंबुलेंस में हिंसक जानवरों के लिए पिंजरा की भी है व्यवस्था है साथ हीं जानवरों के इलाज से लेकर पोस्टमार्टम तक की सुविधाएं इस एंबुलेंस में मौजूद है. लिहाजा वन्य जीवों के इलाज के लिए अब पटना या अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा.

इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि नगर के जंगल कैंप में धूमधाम से इसका उद्घाटन किया गया. इस मौके पर डीएफओ नीरज नारायण ने बताया की ICICI फाउंडेशन द्वारा देश के विभिन्न टाइगर रिजर्व और सैंक्चरीज में वन विभाग को मदद मिलती रही है. इसी क्रम में बिहार में पहली बार अत्याधुनिक एनिमल मोबाइल मेडिकल एंबुलेंस की व्यवस्था ICICI फाउंडेशन द्वारा निर्गत की गई है. नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के निर्देश पर वाल्मीकि टाईगर रिज़र्व में यह एंबुलेंस मुहैया कराया गया है. इसका उपयोग वन्य जीव और मानव के बीच द्वंद वाली स्थिति में किया जाएगा. इस मामले में DFO नीरज नारायण ने बताया की VTR में पूर्व में भी सफलता पूर्वक रेस्क्यू जैसे कार्य किए गए हैं लेकिन अब इस एंबुलेंस के आ जाने से काम और आसान हो जाएगा और पटना या अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

बता दें कि यूपी व नेपाल सीमा पर स्थित VTR जंगल में बाघ के साथ तेंदुआ व गौर भारी संख्या में हैं वहिं गैंडा अधिवास की तैयारी के साथ साथ हाथियों के अधिवास की भी उन्नत व्यवस्था है तो दूसरी ओर गण्डक नदी में मगरमच्छ व घड़ियाल सैकड़ों की तादाद में हैं । यहां पर्यटन के साथ साथ जंगल सफ़ारी की उन्नत व्यवस्था हर साल लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है लिहाज़ा खुले जंगल के कारण जंगली जीव जंतुओं का विचरण रिहायशी इलाकों में होते रहता है ऐसे में एनिमल मोबाईल मेडिकल एम्बुलेंस की व्यवस्था मिल का पत्थर साबित होगा ।

इनपुट- इमरान अजीज

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