आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के धनोरा गांव में स्थित बाबा धनेश्वर नाथ मंदिर में सावन महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा नहीं होती है. वैसे तो बाबा धनेश्वर नाथ का मंदिर बेहद लोकप्रिय है, लेकिन सावन आते ही इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
Trending Photos
Muzaffarpur News: भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन मास शुरू हो चुका है. इस पतित-पावन महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है. इस महीने में आमतौर पर देशभर के सभी शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के धनोरा गांव में स्थित बाबा धनेश्वर नाथ मंदिर में सावन महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा नहीं होती है. वैसे तो बाबा धनेश्वर नाथ का मंदिर बेहद लोकप्रिय है, लेकिन सावन आते ही इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. दरअसल, यह मंदिर बागमती नदी के बीचों-बीच स्थित है. सावन में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिर के कपाट बंद करने पड़ जाते हैं.
नदी का जलस्तर जब कम रहता है, तो भक्त नाव से मंदिर तक चले जाते हैं. लेकिन जलस्तर बढ़ने पर नाव से भी जाना संभव नहीं हो पाता. स्थानीय लोगों का मानना है कि बागमती नदी खुद भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए आती है. बाढ़ वाले दिनों में यहां पर कोई पूजा पाठ नहीं हो पाती, क्योंकि शिवलिंग से करीब 8 फीट ऊपर तक पानी हो जाता है. ऐसे में सावन महीने में इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
ये भी पढ़ें- बेगूसराय में बाढ़ के पूर्व ही डरा रही गंगा, भीषण कटाव से लोग पलायन को मजबूर
आस-पास के ग्रामीण बताते हैं कि बाबा धनेश्वर नाथ का मंदिर बहुत प्राचीन है. बाढ़ ग्रस्त इलाका होने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने पर बाबा धनेश्वर नाथ की पूजा नहीं हो पाती है. लोगों का कहना है कि बाबा धनेश्वर साल के 6 महीना तक जल शयन करते हैं. मंदिर की देखभाल करने वाले पुजारी बताते हैं कि मंदिर बागमती नदी के अहाते में स्थित है. ग्रामीणों ने कई बार चाहा कि मंदिर से बाबा को निकाल कर किसी ऊंचे स्थान पर स्थापित कर दिया जाए, जिससे निर्बाध रूप से पूजन हो सके, लेकिन इसमें असफल रहे. काफी जद्दोजहद के बाद भी बाबा भोलेनाथ हिले तक नहीं. बताया जाता है कि यहां अगर सच्चे मन से मुराद मांगी जाती है तो वह जरूर पूरी होती है.
रिपोर्ट- मनितोष कुमार