Chandrayan 3: मां के योगदान ने बिहार के लाल रवि कुमार को बना दिया चंद्रयान 3 टीम का हिस्सा
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Chandrayan 3: मां के योगदान ने बिहार के लाल रवि कुमार को बना दिया चंद्रयान 3 टीम का हिस्सा

Chandrayan 3: चन्द्रयान-3 मिशन की सफलता से पूरा देश गदगद है. आपको बता दें कि दुनिया के हर देश में भारत के वैज्ञानिकों की तारीफ हो रही है. दुनिया का हर देश आशा भरी निगाहों से अब आगे के मिशन के लिए भारत की तरफ देख रही है.

(फाइल फोटो)

सीतामढ़ी: Chandrayan 3: चन्द्रयान-3 मिशन की सफलता से पूरा देश गदगद है. आपको बता दें कि दुनिया के हर देश में भारत के वैज्ञानिकों की तारीफ हो रही है. दुनिया का हर देश आशा भरी निगाहों से अब आगे के मिशन के लिए भारत की तरफ देख रही है. इस चंद्रयान 3 के लिए इसरो की टीम में देश के हर हिस्से के वैज्ञानिक शामिल थे, इसमें एक युवा नौजवान भी था जो बिहार के सीतामढ़ी जिले से संबद्ध था, नाम है रवि कुमार. 

बता दें कि चंद्रयान 3 की टीम में शामिल साइंटिस्ट रवि कुमार को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए इनकी माता का अहम योगदान रहा है. इनकी माता मधुबाला चौधरी कहती हैं कि रवि बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है. हमेशा टॉप 5 में इसका स्थान रहता था. स्कूल का सभी होमवर्क इनकी मां खुद बैठकर करवाती थी. इसके बाद ही इनकी मां घर का अन्य कार्य करती थी. 

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माता मधुबाला की निगरानी में हमेशा रवि रहते थे.  इनकी माता बताती है कि बचपन में रवि शरारत भी खूब करता था. जिसके कारण हमेशा वो मुझसे डांट भी सुना करता था. साइंटिस्ट रवि कुमार की रुचि ड्रॉइंग में काफी थी. पढ़ाई के बाद रात में ड्रॉइंग बनाता था. जिसमें कई बार जिलास्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लाया. 

माता मधुबाला कहती हैं कि रवि बचपन से ही खोजी प्रवृति का लड़का था. हमेशा इसके दिमाग मे कुछ न कुछ अविष्कार की सोच घूमती रहती थी. रवि की एक रोचक कहानी इनकी माता ने बताई, एक बार ये घर में बैटरी के डिस्टिल्ड वाटर को एसिड बना कर घर के बेडशीट को जला दिया. मैं सोच में डूब गई कि ये नया बेडशीट कैसे फट गया ? काफी पूछताछ के बाद रवि ने अपनी करतूत मां से बताई. इस तरह की हरकत को देखते हुए इनके माता पिता को ये लगने लगा कि साइंस में इसकी रुचि काफी है और इसके लिए उस राह का चुनाव कर इन्हें यहां तक पहुंचाया. 

Tripurari Sharan

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