Lok Sabha Election 2024: जब चिराग पासवान को लगा था 'जोर का झटका', तब तेजस्वी यादव ने दिया था ये बड़ा ऑफर, क्या अब भी कोई खिंचड़ी पक रही?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2140791

Lok Sabha Election 2024: जब चिराग पासवान को लगा था 'जोर का झटका', तब तेजस्वी यादव ने दिया था ये बड़ा ऑफर, क्या अब भी कोई खिंचड़ी पक रही?

Lok Sabha Election 2024: चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी का हनुमान घोषित करते रहे हैं. हाल ही में जब चिराग पासवान के नेतृत्व वाले लोजपा रामविलास की ओर से एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया गया, तब वे पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे. उस समय पीएम मोदी ने चिराग पासवान को गले लगा लिया था और यह तस्वीर काफी वायरल हुई थी, लेकिन समय बदला और नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में वापस आ चुके हैं. 

चिराग पासवान और तेजस्वी यादव

Lok Sabha Election 2024: जून 2021 में जब पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में लोजपा के 5 सांसदों ने बगावत कर दी थी, तब तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को साथ आने का न्यौता दिया था. तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को यह भी याद दिलाया था कि कैसे 2010 में लालू प्रसाद यादव ने उनके पिता रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने में मदद की थी. उस समय लोजपा के पास न तो कोई विधायक था और न ही सांसद. 2 मार्च को पीएम मोदी की औरंगाबाद और बेगुसराय की रैली में चिराग पासवान नदारद दिखे तो एक बार फिर उनके राजद खेमे में जाने की अफवाहों को बल मिला है.

उस समय चिराग पासवान अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन पाने के लिए हाजीपुर से बिहार यात्रा पर निकलने वाले थे. चिराग पासवान के आहत होने का एक बड़ा कारण यह भी था कि भाजपा का उन्होंने भरसक साथ दिया था पर भाजपा ने पार्टी में टूट को लेकर चुप्पी साध ली थी. ऐसे में तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को साथ आने का निमंत्रण देकर बड़ा दांव चला था. तेजस्वी यादव ने तब कहा था, चिराग भाई तय करें कि उन्हें आरएसएस के बंच आफ थॉट्स के साथ रहना है या संविधान निर्माता बाबा साहब का साथ देना है. हालांकि तब चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के इस आफर पर कोई रिएक्शन नहीं दिया था. 

चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी का हनुमान घोषित करते रहे हैं. हाल ही में जब चिराग पासवान के नेतृत्व वाले लोजपा रामविलास की ओर से एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया गया, तब वे पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे. उस समय पीएम मोदी ने चिराग पासवान को गले लगा लिया था और यह तस्वीर काफी वायरल हुई थी, लेकिन समय बदला और नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में वापस आ चुके हैं. उसके बाद से चिराग पासवान की नींद उड़ी हुई है. आलम यह रहा कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चिराग पासवान को साथ लेकर पटना पहुंचे थे. उससे पहले चिराग पासवान की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी हुई थी. 

2020 के विधानसभा चुनाव से पहले से चिराग पासवान ने एनडीए में रहते हुए नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. फिर लोजपा एनडीए से बाहर भी हो गई. उसके बाद विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी ने जहां जहां अपने उम्मीदवार उतारे थे, लोजपा ने भी वहां से अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए थे. नतीजा यह रहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर पर खिसक गई और 2005 के बाद के सबसे निचले स्तर पर सिमट गई थी. जेडीयू ने इन सबके पीछे लोजपा की रणनीति को जिम्मेदार बताया. उसके बाद जब लोजपा में विभाजन हो गया था, तब चिराग पासवान वाले धड़े ने भी इसके पीछे नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था. उसके बाद से अब तक नीतीश कुमार और चिराग पासवान के संबंध कभी सहज नहीं रहे. 

यह भी पढ़ें: '140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं', पीएम मोदी का लालू यादव को जवाब

अब चिराग पासवान के पीएम मोदी की रैली के मंच गायब रहने को लेकर एक बार फिर यह बात चल पड़ी है कि वे महागठबंधन के संपर्क में हैं. हालांकि अब खबर आ रही है कि लोजपा रामविलास के नेता चिराग पासवान को पीएम मोदी की इन दोनों रैलियों के लिए निमंत्रण नहीं मिला था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी का कहना है कि पीएम मोदी की रैलियों के समय चिराग पासवान किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लिहाजा वे शामिल नहीं हो पाए. राजू तिवारी ने यह भी कहा, पीएम मोदी की रैली का निमंत्रण मिला था या नहीं, यह पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान ही बेहतर बता सकते हैं.

Trending news