Lok Sabha Chunav 2024: आज लवली आनंद के लिए जेडीयू, भाजपा से शिवहर की सीट मांग रही है. आनंद मोहन की पत्नी और विधायक चेतन आनंद की मां लवली आनंद का सियासी सफर बहुत ही ग्लैमरस रहा था
Lovely Anand: आज लवली आनंद के लिए जेडीयू, भाजपा से शिवहर की सीट मांग रही है. आनंद मोहन की पत्नी और विधायक चेतन आनंद की मां लवली आनंद का सियासी सफर बहुत ही ग्लैमरस रहा था.
1995 का विधानसभा चुनाव लवली आनंद के लिए डेब्यू था और उस समय आनंद मोहन ने बिहार पीपुल्स पार्टी बनाई थी, जिसकी स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी लवली आनंद के पास थी.
उस समय लवली आनंद का युवाओं के सिर चढ़कर बोलता था. बिहार के युवा लवली आनंद को भाभीजी बोलते थे. लवली आनंद की रैलियों में जो भीड़ पहुंचती थी, उससे लालू प्रसाद यादव और बिहार भाजपा के तमाम नेताओं के पसीने छूट जाते थे.
ठेठ गंवई राजनीति की धरती बिहार में लवली आनंद ने ही ग्लैमर का तड़का लगाया था और अपने ग्लैमर को भुनाने का भरपूर प्रयास भी किया था. बिहार पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष आनंद मोहन थे लेकिन रैलियों की डिमांड सबसे अधिक लवली आनंद की होती थी.
लवली आनंद की रैलियों में भीड़ से आनंद मोहन भी गदगद थे और पूरे बिहार में आनंद मोहन ने लवली आनंद से कई रैलियां करवाई थीं. हालांकि रैलियों की भीड़ वोटों में तब्दील नहीं हो पाई और उस चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी जनता दल भारी मतों से विजयी हुआ था.
उस चुनाव में लालू प्रसाद के सारे विरोधी वोट भाजपा, समता पार्टी, बिहार पीपुल्स पार्टी, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों में विभाजित हो गए थे और चारा घोटाले की चहुंओर चर्चा के बीच लालू प्रसाद यादव ने शानदार जीत हासिल कर विरोधियों को धूल चटा दी थी.
अपने पहले चुनाव में बिहार पीपुल्स पार्टी ने नीतीश कुमार की समता पार्टी से ज्यादा सीटें जीती थीं. आनंद मोहन और लवली आनंद भले ही चुनाव हार गए पर बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी. लवली आनंद उस समय बिहार की लड़कियों के लिए फैशन आईकॉन बन गई थीं.
रैलियों में वह जो गॉगल्स पहनती थीं, उसके बाद बिहार की लड़कियों में गॉगल्स का क्रेज बढ़ गया था. बाद में आनंद मोहन परिवार की राजनीति शिवहर तक ही सीमित होती चली गई.
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