Lok Sabha Election 2024: 2 दिन, 2 धड़े और 2 रैलियां..., दोनों कार्यक्रमों में आई भीड़ में छिपा है बड़ा सियासी संदेश
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Lok Sabha Election 2024: 2 दिन, 2 धड़े और 2 रैलियां..., दोनों कार्यक्रमों में आई भीड़ में छिपा है बड़ा सियासी संदेश

Lok Sabha Election 2024: 2 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बिहार दौरे पर ना सिर्फ प्रदेश को करोड़ों रुपये की सौगात दी बल्कि एनडीए की ओर से चुनावी शंखनाद भी किया. उसके अगले ही दिन विपक्षी ब्लॉक में शामिल राजद की ओर से पटना के गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली का आयोजन किया. इन दोनों कार्यक्रमों आई भीड़ ने बड़ा सियासी संदेश देने का काम किया है. 

एनडीए बनाम महागठबंधन

Lok Sabha Election 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव अब अपने पूरे सबाब पर पहुंच चुका है. सत्ताधारी बीजेपी का गठबंधन एनडीए हो या विपक्षी ब्लॉक इंडिया, दोनों पक्ष ने बीते दो दिनों ने प्रदेश के सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच दिया है. बीते 2 दिनों में प्रदेश में दोनों धड़ों की 2 बड़े कार्यक्रम किए. इन दोनों कार्यक्रमों आई भीड़ ने बड़ा सियासी संदेश देने का काम किया है. पहले बात करते हैं एनडीए के कार्यक्रम की. 2 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बिहार दौरे पर ना सिर्फ प्रदेश को करोड़ों रुपये की सौगात दी बल्कि एनडीए की ओर से चुनावी शंखनाद भी किया. उसके अगले ही दिन विपक्षी ब्लॉक में शामिल राजद की ओर से पटना के गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली का आयोजन किया. इसमें राजद अध्यक्ष लालू यादव और उनके परिवार के अलावा महागठबंधन के भी तमाम बड़े नेता मौजूद थे. इनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और सीपीआई नेता डी. राजा भी शामिल हुए थे. 

महागठबंधन की महारैली में उमड़े जनसैलाब में अपार जनसैलाब देखने को मिला. लाखों की संख्या में आई भीड़ को देखकर महागठबंधन के सभी नेता काफी गदगद हुए. वहीं पीएम मोदी के औरंगाबाद और बेगूसराय कार्यक्रमों में अच्छी-खासी संख्या में लोग आए थे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में आई भीड़ में महिलाओं की संख्या काफी देखने को मिली, जो महागठबंधन की रैली में नहीं दिखी. बदलते दौर में महिलाएं चुनाव जिताने के लिए अहम X फैक्टर साबित हो रही हैं. बीते कुछ चुनावों में आधी आबादी ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर वोटिंग की है और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला है. पीएम मोदी इस वोटबैंक को अपना सीक्रेट वोटर बताते हैं. पीएम मोदी की जीत में महिला वोटर का अच्छा-खासा योगदान रहता है. 

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2019 में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने तीन तलाक कानून बनाया था, चुनावों में इसका बीजेपी को काफी लाभ मिला था. इसी कारण से पीएम मोदी ने 2014 से भी ज्यादा बड़ी जीत हासिल की थी. 2024 के रण में उतरने से पहले मोदी सरकार ने नारी वंदन अधिनियम लाकर विधानसभा-लोकसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी है. आने वाले लोकसभा चुनाव में ये फैक्टर और बड़े पैमाने पर अहम भूमिका निभा सकता है. पीएम मोदी की तरह सीएम नीतीश कुमार भी महिलाओं को केंद्रबिंदु में रखकर अपनी योजनाएं बनाते हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने अपनों के ताने झेलने के बाद भी आजतक शराबबंदी कानून को वापस नहीं लिया. माना जाता है कि शराबबंदी कानून की वजह से घरेलू हिंसा में काफी कमी आई है. इससे महिलाएं काफी खुश हैं. 

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राजनीतिक पंडितों का कहना है कि 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में महिला वोटर ने महागठबंधन का गेम बिगाड़ दिया और तेजस्वी यादव के हाथ में सत्ता आते-आते रह गई थी. नीतीश कुमार के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर इस बार थी, महिलाओं ने उसको बेअसर कर दिया था. चुनाव परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख किया था और कहा था कि उन्होंने इस चुनाव में शांत मतदाता की भूमिका निभाई. इस बार बिहार में 3.6 करोड़ महिला मतदाता हैं, जो आने वाली सरकार का चुनाव करेंगी. 

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