Khunti News: खूंटी की जनता का कहना है कि यहां बीएड कॉलेज, महिला कॉलेज और एक अच्छा अस्पताल भी नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. इस तरह खूंटी के कई बुनियादी मुद्दे अभी भी हल नहीं हो पाए हैं और इस बार लोगों ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वोट करने का फैसला किया है.
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खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में 13 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं और इस मौके पर सभी दलों के नेता जनता से जीत की उम्मीद में विकास के वादे कर रहे हैं. लेकिन दूसरी ओर खूंटी की जनता में निराशा और असंतोष का माहौल है. लोग अब सीधे तौर पर अपने मुद्दों को लेकर सवाल उठा रहे हैं और इस बार बाईपास सड़क, शिक्षा, रोजगार, पलायन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर मतदान का मन बना रहे हैं.
जेवीएम के पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा का कहना है कि खूंटी जिले के बने कई साल हो गए, लेकिन बुनियादी सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाईं. यहां दिल्ली मार्केट जैसी जगह नहीं है, जिससे लोग सड़क पर बैठकर सब्जियां बेचते हैं. कारगर बस स्टैंड की कमी के कारण सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो जाता है. सालों से बाईपास सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन इसे भी अनसुना किया गया है, जिससे भारी वाहनों के कारण जाम की समस्या और बढ़ जाती है. करोड़ों रुपये खर्च करके बन रहा नॉलेज सिटी का प्रोजेक्ट बंद हो गया और रक्षा विश्वविद्यालय का काम अधूरा रहकर कहीं और शिफ्ट कर दिया गया.
व्यवसायी ज्योति सिंह का कहना है कि खूंटी में उद्योग-धंधे लगाए जाने चाहिए ताकि यहां के लोगों को रोजगार मिल सके. रोजगार के साधन बढ़ने से पलायन की समस्या भी रुकेगी. यहां रोजगार की कमी के कारण लोग बाहर जाने पर मजबूर हो जाते हैं, लेकिन किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया. मार्शल बरला ने बताया कि पिछले 25 साल से खूंटी से विधायक रहे नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी क्षेत्र में खास विकास नहीं किया. दो बार मंत्री पद पर रहने के बावजूद, उन्होंने यहां की जनता की उम्मीदें पूरी नहीं कीं. कई गांवों में अभी तक सड़कें तक नहीं बनीं.
इसके अलावा लांदुप के बुरुडीह गांव के निवासी महादेव मुंडा ने बताया कि उनका गांव आज भी 20 साल पहले जैसा ही है, जहां कोई सुधार नहीं हुआ है. सड़कें तो बनी हैं, लेकिन रोजगार के साधनों का अभाव है. फादर विधु बेंजामिन ने कहा कि खूंटी में बाईपास सड़क बननी चाहिए ताकि सड़कों के चौड़ीकरण से घरों पर असर न पड़े. बाईपास बनने से रोजगार भी बढ़ेगा. साबिर अंसारी ने कहा कि खूंटी में बीएड कॉलेज, महिला कॉलेज और एक अच्छा अस्पताल भी नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव भी एक बड़ी समस्या है. इस तरह खूंटी की जनता के कई बुनियादी मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं और इस बार लोगों ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मतदान करने का मन बनाया है.
इनपुट- राजेश कुमार
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