झारखंड में 4000 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा अधिष्ठापन का लक्ष्य, 2022 तक होगा लोकार्पण
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झारखंड में 4000 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा अधिष्ठापन का लक्ष्य, 2022 तक होगा लोकार्पण

Giridih: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार हेतु सौर ऊर्जा नीति 2022 लागू किया जा रहा है. अगले 5 वर्षों में राज्य में समेकित रूप से लगभग 4000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा के अधिष्ठापन का लक्ष्य सरकार ने रखा है.

(फाइल फोटो)

Giridih: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार हेतु सौर ऊर्जा नीति 2022 लागू किया जा रहा है. जिसके तहत सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिए निर्धारित है. सोलर पार्क, कैनाल टॉप सोलर, फ्लोटिंग सोलर जैसी कई योजनाओं के माध्यम से राज्य में सौर ऊर्जा के विकास हेतु विस्तृत नीति बनाई गई है. अगले 5 वर्षों में राज्य में समेकित रूप से लगभग 4000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा के अधिष्ठापन का लक्ष्य सरकार ने रखा है. इसके तहत यूटिलिटी स्केल पर लगभग 3000 मेगावाट, डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर ऊर्जा के अंतर्गत 720 मेगावाट एवं ऑफग्रिड सोलर प्रोजेक्ट के तहत 280 मेगावाट के सोलर ऊर्जा प्लांट अधिष्ठापन का लक्ष्य तय किया गया है.

सरकार का निवेशकों पर भी ध्यान
नई नीति में निजी निवेशकों के प्रोत्साहन हेतु सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट मैकेनिज्म, लैंड बैंक के माध्यम से भूमि व्यवस्था समेत अन्य प्रावधान किए गए हैं. समर्पित सौर ऊर्जा सेल, अधिकतम 60 दिनों के अंदर वैधानिक स्वीकृति,1000 सोलर ग्राम के गठन की योजना, आर्थिक रूप से पिछड़े ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की योजना की नीति के तहत क्रॉस सब्सिडी तथा थर्ड पार्टी और कैप्टिव उपयोग में छूट, 1% की दर से 25 वर्ष तक इंडेक्सेशन, बिजली बिल में छूट दी जाएगी. 5 वर्ष तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर में 100% की छूट होगी. सरकार द्वारा लक्ष्य के अनुरूप कार्यों के विश्लेषण हेतु दो उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा.

पम्प सेट वितरण में झारखण्ड अग्रणी
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य के किसानों को सिंचाई के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया जा रहा है. इसके तहत किसान सोलर वाटर पम्पसेट योजना हेतु वेब पोर्टल का उद्घाटन किया जाएगा. इस वेब पोर्टल के जरिए किसानों को सोलर पंप सेट प्राप्त करने हेतु प्रारंभिक चरण से सोलर पंप के वितरण एवं अधिष्ठापन, संचालन एवं 5 वर्ष तक उसके रख-रखाव की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए डाटा संग्रहण, डाटा विश्लेषण एवं ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी. पोर्टल के माध्यम से किसान सोलर पम्प सेट प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर उसकी स्थिति देख सकेंगे. किसानों के लिए ऑफ ग्रिड सोलर पम्प सेट के लिए करीब 96 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. प्रथम चरण में अभी तक करीब 6717 सोलर पम्पसेट पूरे राज्य में लग चुके हैं, जिसमें 2020 से 22 तक राज्य भर में 6500 सोलर पंपसेट लगे हैं. सोलर पम्पसेट लगाने में झारखंड पूरे देश में 5वां स्थान रखता है.  दूसरे चरण में राज्य सरकार ने 10 हजार सोलर पम्पसेट लगाने का लक्ष्य तय किया है.

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