बिहार: महागठबंधन से जुदा हो रहे उपेंद्र कुशवाहा! JDU कैसे पचाएगी NDA में 'वापसी'
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बिहार: महागठबंधन से जुदा हो रहे उपेंद्र कुशवाहा! JDU कैसे पचाएगी NDA में 'वापसी'

सबसे बड़ा सवाल है कि आखिरी क्यों जीतन राम मांझी के बाद उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन छोड़ने की तैयारी में हैं और क्या कुशवाहा की वापसी एनडीए में इतनी आसान है.

एनडीए में शामिल हो सकते हैं पूर्व केंद्रीय उपेंद्र कुशवाहा. (फाइल फोटो)

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav 2020) से पूर्व एनडीए (NDA) में शामिल हो सकते हैं. इस बात की हवा बिहार की सियासी फिजाओं में तैर रही है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एनडीए में कब शामिल होंगे इसका अभी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि दोनों तरफ से बात तय हो चुकी है, बस कुछ दिनों में ही इसकी घोषणा हो जाएगी.

क्या आसान है वापसी?
इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बाद उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन छोड़ने की तैयारी में हैं और क्या कुशवाहा की वापसी एनडीए में इतनी आसान है. तो इसको समझने के लिए आपको अतीत के कुछ पन्नों और बयानों पर गौर फरमाना होगा.

 

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मांझी ने RJD पर उठाए थे सवाल
दरअसल, आरजेडी (RJD) द्वारा छोटे दलों को महागठबंधन (Mahagathbandhan) में ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है. इसकी तस्वीर बीते दिनों भी देखी गई थी, जब पूर्व सीएम और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हुए थे और एनडीए का दामन थामा था. उस वक्त मांझी ने महागठबंधन में समन्वय समिति (Coordination Committee) न बनने सहित तमाम मुद्दे उठाते हुए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर हमला किया था. 

कुर्बानी वाले बयान के बीच NDA में वापसी की सुगबुगाहट
यहां गौर फहरमाने वाली बात यह है कि कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने की बात तब सामने आ रही है, जब बीते दिनों ही आरएलएसपी (RLSP) के तरफ से बयान आया था कि एनडीए को हराने के लिए वह किसी भी प्रकार की कुर्बानी करने के लिए तैयार है. इसके बावजूद अब कुशवाहा एनडीए में शामिल होना चाह रहे हैं.

'RJD नहीं दे रही तवज्जो'
दरअसल, सूत्रों की मानें तो इस बार आरजेडी 150 सीटों के करीब लड़ने की तैयारी कर रही है. जबकि कांग्रेस 80 सीटों पर दावा ठोंक रही है. इतना ही नहीं, वामदलों के साथ आने से कुछ सीटों पर उनके भी उम्मीदवार होंगे. साथ ही, आरजेडी सूत्रों का कहना है कि छोटे दल के विधायक चुनाव बाद जल्दी पाला बदलते हैं इसलिए इन सब चीज से आरजेडी बचना चाह रही है. ऐसे में महागठबंधन के दोनों बड़े दल छोटी पार्टियों को साथ लेकर चलने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. जिसको लेकर छोटे दल चुनाव में अपनी राह तलाश रहे हैं.

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नीतीश को लेकर तल्ख रहे हैं कुशवाहा के तेवर
दूसरी तरफ अगर कुशवाहा एनडीए में शामिल होते हैं तो क्या उन्हें जेडीयू स्वीकार (JDU) करेगी यह बड़ा सवाल है. क्योंकि एनडीए में रहने के दौरान और उसके बाद भी कुशवाहा बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ आक्रमक रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार की शिक्षा नीति सहित तमाम मसलों पर सवाल उठाया था. साथ ही बिहार में मानव श्रृंखला (Human Chain) भी बनाई थी, जिसमें विपक्ष के भी कई नेता शामिल हुए थे. 

CM को दी थी नसीहत
वहीं, लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Chunav 2019) के दौरान एनडीए छोड़ते वक्त भी कुशवाहा ने बिहार सरकार पर कई आरोप लगाए थे. इतना ही नहीं, मंत्री रहते हुए एक इंटरव्यू में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि 'नीतीश कुमार को अब मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए और अन्य लोगों को मौका देना चाहिए.'

JDU के तेवर हुए तल्ख
इसके बाद से जेडीयू और कुशवाहा के बीच तल्खी बढ़ गई थी. साथ ही दोनों तरफ से बयानबाजी का सिलसिला भी शुरू हो गया था और सूत्र यह भी कहते हैं कि कुशवाहा को लेकर बार-बार जेडीयू द्वारा बीजेपी पर दबाव भी बनाया जा रहा था. हालांकि, इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा चुनाव से पूर्व एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए थे.

 

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कैसे JDU पचाएगी कुशवाहा की वापसी?
वहीं, एनडीए छोड़ते वक्त कुशवाहा ने कहा था कि  'जब नाश मनुष्य पर छाता है तो पहले विवेक मर जाता है.' ऐसे में अब कुशवाहा दोबारा एनडीए के रथ पर सवार होने की तैयारी कर रहे हैं, तो लाजिमी है कि विपक्ष अब इसको लेकर सवाल उठाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एनडीए में रहते हुए और बाहर भी जिस तरह से कुशवाहा के तेवर सीएम नीतीश कुमार के लिए तल्ख रहे हैं. ऐसे में क्या उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में वापसी हो पाएगी और अगर होती है तो क्या जेडीयू इसे पचा पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा. हालांकि, राजनीति संभावनाओं की होती है और इसमें कोई कभी भी किसी का मित्र और दुश्मन हो सकता है.