पर्यावरण प्रेमियों की मानें तो बीते दिनों कोरोना काल में आक्सीजन की कमी के चलते काफी लोगों को परेशान होते देखा. इस वर्ष मानसून से पहले आक्सीजन देने वाले पीपल, बरगद व नीम के पौधे लगाए जा रहे है ताकि वातावरण साफ सुथरा व शुद्ध रखा जा सके.
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पटना: पीपल और बरगद के वृक्ष पर्यावरण के सबसे अच्छे मित्र है. पीपल और बरगद को सबसे अधिक ठंडक प्रदान करने वाला वृक्ष माना जाता है. ये दोनों पेड़ पर्यावरण के लिए संजीवनी का काम करते है. दोनों हवा से कार्बन डाइआक्साइड ग्रहण कर आक्सीजन देते है. वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से भी दोनों पेड़ का महत्वपूर्ण स्थान है. भारतीय संस्कृति में प्रकृति के अन्य चीजों की तरह पेड़ों की पूजा भी की जाती हैं. बरगद, तुलसी, नीम, खेजड़ी, पीपल जैसे पेड़ों में देवों का वास माना गया हैं.
पर्यावरण प्रेमियों की मानें तो बीते दिनों कोरोना काल में आक्सीजन की कमी के चलते काफी लोगों को परेशान होते देखा. इस वर्ष मानसून से पहले आक्सीजन देने वाले पीपल, बरगद व नीम के पौधे लगाए जा रहे है ताकि वातावरण साफ सुथरा व शुद्ध रखा जा सके. पीपल पेड़ के फायदों के बारे में धर्म ग्रंथों के अलावा अन्य साहित्य में उल्लेख मिलता है. पूजे जाने वाले पीपल पेड़ों से आक्सीजन को शुद्ध करने वाला सबसे अहम वृक्ष माना गया है. वहीं बरगद न केवल राष्ट्रीय वृक्ष है बल्कि पर्यावरण व पर्यावास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पटना के कई पार्कों में आक्सीजन देने वाले पौधे लगाए गए है. जब यह पौधे कुछ समय बाद पेड़ का रूप लेंगे, तो पार्क के वातावरण को शुद्ध रखेंगें. साथ पार्क में सैर करने आने वाले लोगों को शुद्ध हवा भी मिलेगी. इसी उद्देश्य से ये पौधे लगाए जा रहे हैं.
पीपल के यह है फायदे
वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद माना गया है. अगर किसी को सांस लेने में तकलीफ है तो वो सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. बता दें कि पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें. इसके बाद सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर खाने से सांस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है. इसके अलावा इसके पत्तों का दूध में उबालकर पीने से भी दमा में लाभ होता है. साथ ही बता दें कि पीपल की दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं और दांतों में दर्द की समस्या भी समाप्त हो जाती है. इसके लिए 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर बनाए गए मंजन का प्रयोग करने से भी दांतों की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.
ऑक्सीजन का खजाना है बरगद
बता दें कि बरगद का पेड़ एक तरह से ऑक्सीजन का खजाना है. बरगद के साथ बांस, नीम और तुलसी के पेड़ बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं. वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, बरगद, नीम, तुलसी का पेड़ 1 दिन में लगभग 20 घंटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण कर सकते हैं.
इनपुट- भाषा
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