Gorakhpur-Siliguri Expressway: गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक फोनलेन एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है, जो कि बिहार के 9 जिलों से गुजरेगा. केंद्र सरकारी का तरफ से इसको मंजूरी मिल चुकी है. इसके लिए एनएचएआई ने एलन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल को इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार करने को कहा है. अगर यह एक्सप्रेसवे बन जाता है तो बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को एक बेहतरीन वैकल्पिक मार्ग सुलभ हो सकता है.
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Gorakhpur-Siliguri Expressway: 32,000 करोड़ रुपये से बन रहे 520 किलोमीटर गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को लेकर नया डेवलपमेंट सामने आया है. शुरुआती दौर में यह सड़क फोरलेन ही बनाई जाएगी, लेकिन इसके लिए जमीन का अधिग्रहण 6 लेन के हिसाब से किया जाएगा. इस सड़क की चौड़ाई 75 मीटर रखी जाएगी. एक्सप्रेसवे के बीच में ग्रीनलैंड बनाया जाएगा, यानी ग्रीनलैंड के बाद ही सड़क का निर्माण किया जाएगा. गोरखपुर को सिलीगुड़ी तक जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 2025 तक पूरा हो जाने की संभावना है.
भारत और नेपाल सीमा के बराबर में इस एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे भारत सरकार के भारतमाला प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण होने से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी कम हो जाएगी और 15 घंटे का सफर केवल 9 घंटों में सिमट सकता है.
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस की उत्तर प्रदेश में चौरीचौरा तहसील के बसडिला गांव के पास से होगी. अगर यह एक्सप्रेसवे बन जाता है तो बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को एक बेहतरीन वैकल्पिक मार्ग सुलभ हो सकता है.
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर से निकलकर बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, सुपौल, मधुबनी, फारबिसगंज और किशनगंज होते हुए पश्चिमी बंगाल में प्रवेश करेगा और सिलीगुड़ी तक पहुंचगा.
एनएचएआई ने एलन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल को इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार करने को कहा है. इस एक्सप्रेसवे के लिए 2022 से जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.