सावन की दूसरी सोमवारी पर करेंगे ये कार्य तो बनेगा हर काम, जानें क्यों है ये खास
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सावन की दूसरी सोमवारी पर करेंगे ये कार्य तो बनेगा हर काम, जानें क्यों है ये खास

शिव के मिट्टी का शिवलिंग बनाकर दूध बेलपत्र और जल से बाबा का जलाभिषेक करते हैं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, षोडशोपचार विधि विधान से आज के दिन पूजा करने से विशेष लाभ भी मिलता है. 

सावन की दूसरी सोमवारी पर करेंगे ये कार्य तो बनेगा हर काम, जानें क्यों है ये खास

धनबाद: आज सावन की दूसरी सोमवारी है, दूसरी सोमवारी सावन का बेहद खास माना जा रहा है. क्योंकि इस सोमवारी में सोमवारी के साथ सक्रांति और अमावस भी है, इसके साथ ही पुनर्वास नक्षत्र है. देवघर के मंदिर में दूर दराज से लोग भोले बाबा के दर्शन के लिए आते है. सावन की दूसरी सोमवारी पर जो कोई भी शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

देवघर के पुरोहित दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि यह सैकड़ों साल के बाद ऐसा सहयोग आया है कि सावन का महीना सोमवारी का दिन अमावस और सक्रांति एक साथ यह चार संयोग बेहद विशेष योग माना जाता है. इस विशेष दिन में यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी शिवालय में बाबा भोलेनाथ पर दूध, जल और बेलपत्र का अर्पण करते हैं तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, और वैसे भक्त जिनके आसपास शिवालय नहीं है. वह अगर शिव के मिट्टी का शिवलिंग बनाकर दूध बेलपत्र और जल से बाबा का जलाभिषेक करते हैं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, षोडशोपचार विधि विधान से आज के दिन पूजा करने से विशेष लाभ भी मिलता है. इस योग में जिनको भी पुत्र की प्राप्ति नहीं हो रही है वह अगर इस योग में बाबा भोलेनाथ पर दूध जल और बेलपत्र को अर्पण करें तो उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही सावन के माह में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर दिन कुछ विशेष चीजें प्राप्त हुई थी.

सावन के दूसरे सोमवार को उचस्सरवा घोड़ा समुद्र मंथन के दौरान मिला था, घोड़ा यानी वेग, वायु वेग इस दिन पूजा करने से जिनका भी धन काफी लंबे समय से कहीं फंसा हुआ है या धन नहीं आ रहा है वह बहुत तेजी से उनके पास आता है. इसलिए इस बार के सावन की दूसरी सोमवारी बेहद खास है, जो सैकड़ो साल के बाद ऐसा योग बन रहा है, इसलिए आज के दिन शिव की पूजा जरूर करना चाहिए. इधर देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री सावन माह में देव तुल्य श्रद्धालुओं को सुलभता पूर्वक जलार्पर्ण कराने के लिए पूरी तरह से तत्पर है.

वही 3:30 बजे बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोला गया जिसके बाद का काजल पूजा हुआ और सरदार पंडा के द्वारा सरकारी पूजा करने के बाद 4:15 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया. जलालपुर शुरू होते ही श्रद्धालु बाबा पर जल अर्पण करने लगे फिलहाल कांवरियों की कतार बाबा मंदिर से 6 किलोमीटर दूर नंदन पहाड़ तक पहुंच चुकी है और सभी कावरिया बाबा मंदिर पहुंचकर बाबा पर जल अर्पण भी कर रहे हैं.

इनपुट- विकास राउत

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