महिलाओं का समूह हर एक घर से पानी का 75 रुपये महीने का चार्ज लिया जाता है, जो इन महिला समूह के जिम्मे में है. इस डेढ़ साल के अंतर करीब 40 लाख रुपये का रेवेन्यू भी जेनरेट इसी महिला समूह के द्वारा किया गया. हर घर हर नल तक पानी पहुंचाने की जिम्मेवारी भी इन महिला समूह के कंधे पर है.
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बोकारोः महिला सशक्तिकरण का एक अच्छा उदाहरण इन दिनों बोकारो में देखने को मिल रहा है. जहां 10 पंचायत की जलसहियाओं द्वारा चास स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन किया जा रहा है. डेढ़ साल पहले बने इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का रखरखाव झारखंड सरकार के द्वारा किया जा रहा है. महिलाओं के जल सहिया समूह के द्वारा 10 पंचायत के विभिन्न गांव के हर घर को पानी पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है.
डेढ़ साल के अंतर करीब 40 लाख रुपये जेनरेट हुआ रेवेन्यू
बता दें कि महिलाओं का समूह हर एक घर से पानी का 75 रुपये महीने का चार्ज लिया जाता है, जो इन महिला समूह के जिम्मे में है. इस डेढ़ साल के अंतर करीब 40 लाख रुपये का रेवेन्यू भी जेनरेट इसी महिला समूह के द्वारा किया गया. हर घर हर नल तक पानी पहुंचाने की जिम्मेवारी भी इन महिला समूह के कंधे पर है. इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन महिला समूह के द्वारा सुचारू रूप से किया जा रहा है.
उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने अधिकारियों से ली जानकारी
बोकारो उपायुक्त कुलदीप चौधरी चास प्रखंड के हैसाबातू पंचायत में हैसाबातू बहू पंचायत ग्रामीण जलापूर्ति योजना का भौतिक निरीक्षण सह संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान वाटर ट्रीटमेंट प्लांट किस तरह कार्य करती है उसकी पूर्ण जानकारी सम्बन्धित पदाधिकारियों से जानकारी ली है.
पाइप लाइन से घर-घर पहुंचता है पानी
उक्त वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से 10 पंचायतों में पानी की आपूर्ति पाइप के माध्यम से घर घर की जाती है. इसके लिए घर-घर वाटर कनेक्शन भी दिया गया है. साथ ही हर कनेक्शन धारी से मासिक चार्ज भी लिया जाता है. इस मौके पर जल एवं स्वच्छता विशेषज्ञ यूनिसेफ झारखंड रांची कुमार प्रेमचंद्र, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन सलाहकार झारखंड रांची अमर कुमार सिंह भी मौजूद थे.