श्यामा मंदिर में बलि प्रथा से रोक हटने के वावजूद नहीं थम रहा भक्तों का आक्रोश, निकाला मशाल जुलूस
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श्यामा मंदिर में बलि प्रथा से रोक हटने के वावजूद नहीं थम रहा भक्तों का आक्रोश, निकाला मशाल जुलूस

Bihar News : शास्त्र के अनुसार वह बलि प्रदान माता को अर्पण नहीं हुआ. हम लोग मां श्यामा न्यास समिति के द्वारा थोपा गया आदेश का पुरजोर विरोध करते हैं. जिस पद्धति और नियमावली के अनुसार पूर्व से बाली प्रधान होता आया है इस नियम से बाली प्रधान होना चाहिए.

श्यामा मंदिर में बलि प्रथा से रोक हटने के वावजूद नहीं थम रहा भक्तों का आक्रोश, निकाला मशाल जुलूस

दरभंगा : मिथिलांचल के प्रसिद्ध मां श्यामा माई मंदिर परिसर में बलि प्रदान पर मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के द्वारा रोक लगाने के बाद शर्तो के साथ वापस लेने के वावजूद श्रद्धालुओं के बीच आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार की देर शाम माधवेश्वर परिसर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले श्यामा भक्तों ने मशाल जुलूस निकाला है. मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए 1947 ई. पूर्व से चली आ रही पूजन परंपरा व बलिप्रदान प्रथा को पुनः लागू करने की मांग की.

आंदोलनकारी संजीव कुमार झा ने कहा कि जिस पद्धति के हिसाब से मां श्यामा मंदिर में बलि प्रदान होता था. उसी पद्धति तथा नियमावली से बलि प्रदान होना चाहिए. ना की कोई व्यक्ति मां श्यामा मंदिर में आकर अपने मन से जहां मन करे वहां बलि प्रदान करके चले जाए. शास्त्र के अनुसार वह बलि प्रदान माता को अर्पण नहीं हुआ. हम लोग मां श्यामा न्यास समिति के द्वारा थोपा गया आदेश का पुरजोर विरोध करते हैं. जिस पद्धति और नियमावली के अनुसार पूर्व से बाली प्रधान होता आया है इस नियम से बाली प्रधान होना चाहिए.

संजीव कुमार झा ने कहा कि शास्त्र के अनुसार बलि प्रदान से पहले देवी का पूजा किया जाता है. उसके उपरांत देवी के सामने क्षागर का परीक्षा लिया जाता है. तथा परीक्षा के बाद चयनित स्थल पर उसकी बलि दी जाती है. वहीं पद्धति होना चाहिए ना की कोई भी आवे और बलि देकर चले जाओ. ऐसा विधिवत नहीं होता है,वहीं उन्होंने बताया कि मां श्याम न्यास समिति का कहना है की जिसको बलि प्रदान करना है वह अपने साथ बलि कर्ता को लेकर आएंगे और अपने इच्छा से जहां मन करे बलि प्रदान करें. 

बताते चले कि नए शर्तो के अनुसार बलि प्रथा में मंदिर प्रशासन की कोई भूमिका नहीं होगी. भक्त निजी व्यवस्था कर मंदिर परिसर में बलिप्रदान कर सकते है. मंदिर प्रशासन बलि प्रथा को लेकर ना तो कोई कर्मी देगा, ना ही इसके बदले किसी प्रकार का शुल्क लिया जाएगा.

इनपुट- मुकेश कुमार 

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