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पटना: बिहार में राजद सुप्रीमो लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले बेगूसराय के राजद नेता नगीना यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सूचना आ रही है. नगीना यादव के परिजनों की मानें तो उनकी मौत सड़क हादसे में नहीं हुई बल्कि उनकी हत्या की गई है. परिजन नगीना यादव की हत्या की आशंका जता रहे हैं.
नगीना यादव यहां बेगूसराय जिले के शाहपुर पंचायत के फतेहपुर गांव के रहनेवाले थे और वह घर से राजद के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र के कार्यक्रम में शामिल होने की बात कहकर घर से निकले थे. वहीं रास्ते में पड़नेवाले डंडारी थाना इलाके के मुसवारा पुल के आगे पुलिस को वह घायल अवस्था में मिले. पुलिस को नगीना यादव सड़क के किनारे गड्ढे में बाइक के नीचे दबे मिले. वहां से पुलिस उनको उठाकर इलाज के लिए अस्पताल ले जा रही थी लेकिन रास्ते में नगीना यादव ने दम तोड़ दिया.
पुलिस नगीना यादव की मौत को सड़क हादसा बता रही है वहीं नगीना यादव की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया. उनकी पत्नी लूसी देवी इस शाहपुर पंचायत की मुखियो रह चुकी हैं. हालांकि शनिवार को ही नगीना यादव की लाश पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया.
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पुलिस मान रही है कि आंधी-तूफान की वजह से उनका संतुलन बिगड़ गया और वह बाइक सहित सड़क किनारे गड्ढे में गिर गए. शुक्रवार की रात को इस इलाके में आंधी-तूफान आया था लेकिन 6 घंटे बाद नगीना यादव घायल अवस्था में वहां पुलिस को पड़े मिले. अब नगीना यादव के परिजन सड़क हादसे की बात को मानने को तैयार नहीं हैं और हत्या की आशंका जता रहे हैं. वह इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग भी कर रहे हैं.
जबकि नगीना यादव के समर्थक ये भी कह रहे हैं कि अगर बाइक एक्सीडेंट हुआ था तो बाइक में कहीं कुछ टूटा तक नहीं ना ही नगीना यादव के शरीर पर कोई खरोंच तक था. बाइक उसके ऊपर 6 घंटे तक पड़ी रही लेकिन शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मानें तो नगीना यादव के दाहिन छाती की हड्डी टूटी हुई थी और खून का थक्क जम गया था.
मृतक नगीना यादव लालू परिवार के करीबी होने के साथ उन्हें लालू यादव का हनुमान तक कहा जाता था. बेगूसराय में उनकी अच्छी खासी पकड़ थी.