दरभंगा एयरपोर्ट शुरू होने के साथ ही नंबर वन बन गया था. यहां से उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा था. अब यहां फ्लाइट्स की संख्या में जिस तरह से कमी आ रही है और किराया जिस तरह से बढ़ाया गया है. इससे लोगों को लगने लगा है कि कहीं इस एयरपोर्ट को बंद करने की साजिश तो नहीं चल रही है.
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दरभंगा : उड़ान योजना के अंतर्गत शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट को क्या बंद करने की साजिश चल रही है. लगातार यहां फ्लाइटों की संख्या में कमी आ रही है. अचानक फ्लाइट कैंसिल और यात्रा किराया में वृद्धि से परेशान हवाई सफर करने वाले यात्रियों का विश्वास दरभंगा एयरपोर्ट से उठता जा रहा है और अगर यही हाल रहा तो पहले जिस तरह उड़ान योजना के अंतर्गत शुरू हुए कई एयरपोर्ट पर से यात्रियों ने मुंह मोड़ लिया है इस पर भी ऐसा ही हो सकता है.
यहां के लोग एयरपोर्ट की बिगड़ती हालत पर सरकार और विमानन कंपनियों को दे रहे आंदोलन की चेतावनी
उड़ान योजना के अंतर्गत 62 एयरपोर्ट में दरभंगा नंबर वन पर था, 8 नबम्बर 2020 को इस एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी. लाख असुविधाओं के बाद भी दरभंगा से हवाई सफर शुरू होने के बाद उत्तर बिहार के 27 जिलों समेत पड़ोसी देश नेपाल के यात्री बहुत खुशी-खुशी यहां से यात्रा करने लगे थे. अब डिवीजनल चेंबर ऑफ कॉमर्स ने दरभंगा एयरपोर्ट पर फ्लाइट और यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित कमी को लेकर चिंता जताई है. चेंबर ने दरभंगा एयरपोर्ट को बंद करने की साजिश की भी आशंका जताई है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों ने इस को लेकर सरकार और विमानन कंपनियों को आंदोलन की चेतावनी दी है.
यहां फ्लाइट की संख्या घटकर रह गई है 3 से 4 जोड़ी
8 नवंबर 2020 को शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट ने कम ही समय में देशभर में बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. यह एयरपोर्ट उड़ान योजना के तहत संचालित देश के सभी एयरपोर्ट्स में यात्रियों की संख्या और कमाई के मामले में नंबर वन बन गया था, लेकिन इसी साल के जुलाई से इस एयरपोर्ट से अचानक फ्लाइट की संख्या कम कर दी गई जिससे यात्री घटने लगे. इसके अलावा यहां किराये में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी गई जिसकी वजह से यात्री दूसरे एयरपोर्ट पटना का रूख करने लगे. अब हालात यह हैं कि दरभंगा एयरपोर्ट से जहां कभी 10 जोड़ी फ्लाइट उड़ा करती थी. अब इनकी संख्या घटकर मात्र 3 से 4 जोड़ी रह गई है. इस एयरपोर्ट से जहां ढाई से 3 हजार यात्री प्रतिदिन आते-जाते थे, अब उनकी संख्या 600 के आसपास रह गई है.
किराये में भी की गई है बेतहाशा वृद्धि
डिवीजनल चेंबर ऑफ कॉमर्स के लोगों ने कहा कि मन में यह शंका जरूर है कि दरभंगा एयरपोर्ट को बंद करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि कोई कारण नहीं है कि दरभंगा एयरपोर्ट पर किराये में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है और यात्रियों को दरभंगा के बजाए पटना एयरपोर्ट का रूख करने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाड़े में बेतहाशा वृद्धि क्यों हुई इसकी वजह न तो सरकार बता रही है और ना ही विमानन कंपनियां. उन्होंने कहा कि काफी मशक्कत के बाद दरभंगा में एयरपोर्ट को चालू किया गया था. वे लोग इतनी आसानी से दरभंगा एयरपोर्ट को बंद नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे लोग सरकार, जनप्रतिनिधियों और दूसरे संबंधित लोगों को इसके लिए जगाने के लिए आंदोलन करेंगे.
स्पाइस जेट के पास है दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान संचालित करने का करार
वहीं, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा फ्लाइट संचालित करने की जवाबदेही स्पाइसजेट को दी गई थी. उड़ान योजना के तहत स्पाइसजेट को 3 साल के लिए दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान संचालित करने का करार किया गया है, लेकिन स्पाइसजेट की अंदरूनी खराबियों की वजह से सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर इसकी 50% फ्लाइट को सीज कर दिया था. उन्होंने कहा कि अब स्पाइसजेट दरभंगा जैसे छोटे शहरों के बदले बड़े शहरों को तवज्जो दे रही है. इसके साथ ही दरभंगा जैसे छोटे एयरपोर्ट पर फ्लाइट की संख्या घटाकर और किराए में बेतहाशा वृद्धि कर दरभंगा एयरपोर्ट को नीचे गिराने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर स्पाइसजेट की क्षमता नहीं है तो सरकार को नियमों में बदलाव कर दरभंगा एयरपोर्ट से दूसरी विमानन कंपनियों को उड़ान संचालित करने की जिम्मेवारी देनी चाहिए.
लोग कह रहे एयरपोर्ट को बंद करने की हो रही है साजिश
वहीं, स्थानीय प्रदीप गुप्ता ने कहा कि 8 नवंबर 2020 को दरभंगा में जब एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी तो वे उस पहली फ्लाइट के यात्रियों में शामिल थे जो यहां से दिल्ली गए थे और वहां से लौटती फ्लाइट से आए थे. उन्होंने कहा कि सबसे पहले दरभंगा एयरपोर्ट से महज तीन जोड़ी फ्लाइट की शुरुआत हुई थी जो आगे चलकर 10 जोड़ी फ्लाइट तक चली गई थी. वहीं, अब हाल यह है कि यहां से फ्लाइट की संख्या घटकर महज 3 जोड़ी रह गई है. शुरू में यात्रियों की संख्या ढाई से 3 हजार तक थी, वह घटकर महज 600 के आसपास रह गई है. उन्होंने कहा की शुरुआत में उड़ान योजना के तहत मात्र 38 सौ रुपये में दिल्ली चले जाते थे लेकिन अब उसके लिए 12 हजार से लेकर 20 हजार तक किराया चुकाना पड़ता है. इसकी वजह से अब यात्री दरभंगा के बजाए मजबूरी में पटना से यात्रा करना पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि यह दरभंगा एयरपोर्ट को बंद करने की साजिश चल रही है.
वहीं पूर्व अध्यक्ष पवन सुरेका ने इसे साजिश बताया और कहा कि स्पाइस जेट के पास इस एयरपोर्ट का अधिकार है. 3 साल पूरा होने में अभी सवा साल बचा है. लगातार फ्लाइट की संख्या कम हो रही है और रेट बढ़ रहा है. उसकी मोनोपोली है. सरकार को तुरंत दूसरे ऑपरेटर को बुला कर हवाई यात्रियों की सुविधा और एयपोर्ट बचाने हेतु पहल शुरू करनी चाहिए, हवाई चप्पल वाला क्या अब तो सूट वाला भी दरभंगा हवाई अड्डे से सफर करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है. क्योंकि किराया बहुत महंगा हो गया है.
(रिपोर्ट- मुकेश)