शराब कारोबार के नाम पर निर्दोषों को फंसाने वाले अधिकारियों पर कसेगा शिकंजा, मामला दर्ज
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शराब कारोबार के नाम पर निर्दोषों को फंसाने वाले अधिकारियों पर कसेगा शिकंजा, मामला दर्ज

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. इसके तहत शराब का सेवन से लेकर शराब की बिक्री और तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध है लेकिन प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद शराब की बिक्री और सेवन प्रदेश भर में जारी है.

(फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. इसके तहत शराब का सेवन से लेकर शराब की बिक्री और तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध है लेकिन प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद शराब की बिक्री और सेवन प्रदेश भर में जारी है. प्रशासन की तरफ से इसे रोकने के लिए कठोर कदम भी उठाए जा रहे हैं. 

शराब के खेल में फंसाए जा रहे मासूम  
इस सब के बीच कुछ ऐसे भी मामले भी सामने आए जिसमें शराब के कारोबार का आरोप लगाकर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का आरोप भी प्रशासन के कई अधिकारियों पर लगा है. अब इसको लेकर अदालत सख्त हो गई है. 

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बता दें कि मुजफ्फरपुर के विशेष न्यायाधीश उत्पाद मुकेश कुमार के न्यायालय में अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर के वर्तमान उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय और उत्पाद निरीक्षक कुमार अभिनव के साथ कई अन्य अज्ञात उत्पादकर्मियों पर परिवाद दायर किया है. 

अदालत के सामने आया ये मामला 
अदालत के सामने अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने बताया कि 17 जुलाई 2022 को उनके गांव की दो महिला और तीन पुरुष को शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार कर 24 घंटे के अंदर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया. जिस संबंध में उत्पाद विभाग के छाता चौक स्थित कार्यालय में अवैध हिरासत में बंद अपने ग्रामीणों से मिलने जाने पर उन्हें जानकारी मिली कि उत्पाद अधिकारियों के द्वारा जब्त शराब की अवैध बिक्री की जा रही है. साथ ही जब्त शराब को अवैध जब्ती दिखाकर निर्दोष लोगों को पकड़ कर जेल भेज कर सरकार को झूठा टारगेट दिखाकर वाहवाही लूटी जा रही है. 

इसी लेकर उन्होंने आईपीसी की धारा 420 ,467, 468, 471 और 120 बी के साथ ही बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के 30A के तहत परिवाद दायर किया है. जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 30 जुलाई को सुनिश्चित की है. 

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