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बगहा : खबर बगहा से है, जहां एक गरीब परिवार से निकलकर श्रुति वर्मा ने चंपारण का बढ़ाया मान. बिहार की इस बेटी ने अपने हौसले से पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है. अब उसकी सफलता शोर मचा रही है. उसकी कहानी से बिहार की अन्य बेटियां प्रेरणा ले रही हैं.
गरीबी भी नहीं रोक पाई बिहार के बेटी के हौसले की उड़ान
बता दें कि खबर पश्चिम चंपारण जिला के बगहा से है जहां अहिरानी टोला वार्ड नम्बर 28 में एक लड़की ने दारोगा की परीक्षा में सफलता हासिल किया है . बताया जा रहा है कि बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रुति वर्मा के पिता एक किराना दुकान में काम करते हैं. लिहाजा गरीबी के मारे इस परिवार में श्रुति वर्मा के जज्बे को लेकर उसके पिता ने बेटी को बेटा समझकर शिक्षा दिलाई. यही वजह है कि गरीबी श्रुति की कामयाबी में रोड़ा नहीं बन सकी और आज उसने न केवल अपने माता-पिता का बल्कि पूरे बिहार का नाम रौशन कर यूपी में कामयाबी का परचम लहराया है. बता दें कि सीमावर्ती राज्य यूपी में दरोगा बहाली में श्रुति वर्मा ने सफलता हासिल की है और अब उसके कंधे पर समाज के रक्षा कि जिम्मेदारी और सितारे होंगे.
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श्रुति वर्मा ने अपने माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
इस सफलता का सारा श्रेय अपने माता पिता को देते हुए श्रुति वर्मा बेहद खुश नजर आईं. वहीं उसके माता पिता ने बताया कि हमारी बेटी बेटों से कम नहीं है. क्योंकि मेरी बेटी बचपन से ही मेहनत और सच्ची लगन से पढ़ाई करती थी.
गरीबी और लाचारी के बीच बेटी के जज्बे और मेरी पत्नी ने मुझे जो हौसला दिया उसका परिणाम आज सामने है. मैं समाज के अन्य लोगों से भी बच्चों की शिक्षा को लेकर ये संदेश देना चाहता हूं. ताकि हर परिवार की बेटी कामयाबी हासिल करे. इसके लिए लोग अगर अपनी बेटियों को शिक्षा देने में संकोच कर रहे हैं तो वह गलत कर रहे हैं क्योंकि बेटी कभी बेटों से कम नहीं हैं. तभी तो सरकार भी पढ़ेंगी बेटियां तो बढ़ेंगी बेटियां का नारा बुलंद कर शिक्षा पर जोर दे रही है.