Patna Nagar Nigam: दरअसल पटना नगर निगम में 2200 सफाईकर्मी अलग-अलग एजेंसियों के जरिए आउटसोर्स पर काम करते हैं, लेकिन 2200 सफाईकर्मी में 900 सफाई कर्मी दो हफ्ते से गायब हैं. पटना नगर निगम के पार्षद पहले भी आउटसोर्सिंग का विरोध करते रहे हैं.
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पटनाः पटना नगर निगम में आउटसोर्स पर काम करने वाले सैकड़ों सफाईकर्मी पिछले पंद्रह दिनों से गायब हैं. ये वो सफाई कर्मी हैं जिन्हें निगम से वेतन मिलता है, लेकिन ये ड्यूटी से गायब रहते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो ये रजिस्ट्रर पर हाजिरी बनाकर गायब रहते थे. इनकी गलती तब पकड़ी गई जब निगम आयुक्त अनिमेष परासर ने बायोमेट्रिक एटेंडेंस को जरूरी कर दिया. बायोमेट्रिक एटेंडेंस जरूरी होने के बाद पिछले सोलह दिनों में चालीस फीसदी सफाईकर्मी गायब मिले हैं.
पहले भी होता रहा है आउट सोर्सिंग का विरोध
दरअसल पटना नगर निगम में 2200 सफाईकर्मी अलग-अलग एजेंसियों के जरिए आउटसोर्स पर काम करते हैं, लेकिन 2200 सफाईकर्मी में 900 सफाई कर्मी दो हफ्ते से गायब हैं. पटना नगर निगम के पार्षद पहले भी आउटसोर्सिंग का विरोध करते रहे हैं. पार्षदों के मुताबिक,आउटसोर्स के जरिए कमीशन का खेल होता है. और सफाईकर्मियों का शोषण भी. दरअसल, पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष परासर ने सभी अंचलों में अब बायोमेट्रिक एटेंडेंस को जरूरी बना दिया है.
रजिस्टर पर बनती थी हाजिरी
इससे पहले सफाईकर्मियों की हाजिरी रजिस्ट्रर पर बनती थी. इसका फायदा उठाते हुए सफाईकर्मी हाजिरी बनाकर ड्यूटी से गायब रहते थे, लेकिन सोलह मई से करीब नौ सौ सफाईकर्मी बायोमेट्रिक एटेंडेंस नहीं लगा सके. निगम आयुक्त अनिमेष परासर ने इस चीज को नोटिस में ले लिया. अब ऐसे ही सफाईकर्मियों पर गाज गिरनी तय है. जानकारी के मुताबिक, पटना नगर निगम आउटसोर्स एजेंसी को हर सफाईकर्मी के वेतनमान के तौर पर 12-14000 देती है. निगम में 2200 कर्मी काम करते हैं.
900 कर्मियों का वेतन नहीं देगा निगम
इस हिसाब से 900 कर्मियों का मई का वेतन एक करोड़ 12 लाख बनता है. अब ये पैसे निगम को नहीं देने होंगे. वैसे भी पटना नगर निगम में आउटसोर्स एजेंसियों के खिलाफ आवाज उठती रही है. निगम आयुक्त अनिमेष परासर ने कहा है कि संबंधित आउटसोर्सिंग एजेंसियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और गायब रहने वाले सफाईकर्मियों को बर्खास्त किया जा सकता है. पटना नगर निगम में स्थाई कर्मचारियों की जगह आउटसोर्स पर काम कर रहे कर्मियों ने ले ली है. आउटसोर्सिंग एजेंसी का रवैया वैसे भी गंभीर सवालों के घेरे में रहा है. लिहाजा जिन लोगों ने सरकारी राजकोष को चुना लगाया है और जो कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
रिपोर्टर: प्रीतम कुमार
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