बिहार दिवस पर दुनिया के पहले म्यूजियम बियनाले की मेजबानी करेगा पटना
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बिहार दिवस पर दुनिया के पहले म्यूजियम बियनाले की मेजबानी करेगा पटना

Bihar diwas 2021: बिहार सरकार की कला, संस्कृति एवं युवा विभाग (डीएसीवाई) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम, देश और दुनिया में पहली बार 22 मार्च को बिहार दिवस के शुभ अवसर पर शुरू किया जा रहा है.

बिहार दिवस पर दुनिया के पहले म्यूजियम बियनाले की मेजबानी करेगा पटना (फाइल फोटो)

Patna: आज बिहार दिवस है. इस अवसर पर दुनिया के 7 देश और कई राज्यों के संग्रहालय वर्चुअली एक साथ जुड़कर देश-दुनिया का इतिहास, संस्कृति और और अपने ऐतिहासिक धरोहरों का आदान प्रदान करेंगे. बिहार सरकार की कला, संस्कृति एवं युवा विभाग (डीएसीवाई) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम, देश और दुनिया में पहली बार 22 मार्च को बिहार दिवस के शुभ अवसर पर शुरू किया जा रहा है.

बिहार म्यूजियम बियनाले संग्रहालय संस्कृति में अनूठा और अग्रणी कार्यक्रम है. बिहार संग्रहालय, पटना के परिसर में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में लोग फिजिकली भाग ले सकते हैं, साथ ही इसे ऑनलाइन माध्यम द्वारा वर्चुअली, विश्व के कोने-कोने में भी देखा जा सकता है. बियनाले में वर्चुअल टूर के जरिए भारत और दुनिया भर के विभिन्न संग्रहालयों से प्रमुख संग्रहों को देखा जा सकता है.

नामचीन हस्तियां होंगी शामिल

सम्मेलन में भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों के दिग्गज विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर सम्मेलन एवं मास्टर क्लास का आयोजन किया जा रहा है. विशेषज्ञों में शामिल चुनिन्दा नाम हैं - नील मैकग्रेगर, हिलेरी नाइट, डॉक्टर सौराया नौजिम, सब्यसाची मुखर्जी, डॉ खावियर बारोन ताईदिक्समान एवं अन्य.

मास्टर क्लास का आयोजन

म्यूजियम बियनाले में कई अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों के साथ-साथ मेजबान, बिहार संग्रहालय सहित 13 भारतीय संग्रहालयों से प्रदर्शनियों का प्रदर्शन किया जाएगा. बियनाले में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के साथ-साथ रचनात्मक उद्योगों के प्रमुख विशेषज्ञों के साथ मास्टर क्लास शामिल है जिसमें जर्मनी, फ्रांस, भारत, इटली, स्पेन, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और यूएई सहित कई देशों के विशेषज्ञ बियनाले में शामिल होने वाले हैं.

सीएम की उपस्थिति में होगा उद्घाटन

कार्यक्रम का उद्घाटन 22 मार्च, 2021 को बिहार संग्रहालय में नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री, अंजनी कुमार सिंह, बिहार संग्रहालय के नोडल अधिकारी, मुख्यमंत्री के सलाहकार, दीपक आनंद, निदेशक बिहार संग्रहालय के साथ अन्य आमंत्रित गणमान्य लोगों की उपस्थिति में होगा. उद्घाटन समारोह में बिहार संग्रहालय बियनाले द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल किताब 'बिहार, भारत और विश्व: संग्रहालय संग्रह उत्सव' के विशेष संस्करण का विमोचन भी किया जाएगा. किताब में बियनाले में भाग ले रहे संग्रहालयों के संग्रहों की शानदार प्रस्तुति संकलित है.

कला प्रेमियों और दर्शकों के लिए मनोरंजन, ज्ञान एवं आश्चर्य से भरे बियनाले के साथ ही साल 2021 में बिहार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कैलेंडर का शुभांरभ भी हो रहा है. सात दिवसीय इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा खास, तैयार किया गया संग्रहालय का वर्चुअल टूर भी शामिल है.

ये संग्रहालय होंगे शामिल

संग्रहालय टूर का आनंद दर्शक पटना परिसर में भी ले सकते हैं. कार्यक्रम में शामिल होने वाले भारतीय संग्रहालय हैं - असम राज्य संग्रहालय, गुवाहाटी; बिहार संग्रहालय, पटना;  सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर; छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, मुंबई; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल; कान्हा म्यूजियम ऑफ लाइफ एंड आर्ट, मध्य प्रदेश; किरण नादर कला संग्रहालय, नई दिल्ली; मूसियो कैमरा, गुरुग्राम; कला एवं फोटोग्राफी संग्रहालय, बंगलुरू; म्यूजियम ऑफ गोवा, बर्देज; राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली; पिरामल म्यूजियम ऑफ आर्ट्स, मुंबई और विरासत-ए-खालसा, आनंदपुर साहिब.

23 और 24 मार्च, में होने वाले दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य नए विचारों को प्रोत्साहन देना, नए प्रयोगों एवं विमर्शों के उद्गम स्थल के रूप में संग्रहालय की पहचान है. प्रत्येक सत्र का उद्देश्य संग्रहालयों के पुरावशेषों एवं कलाकृतियों की सांस्कृतिक पहचान के साथ उसके भीतर से विमर्श को उजागर करना है. कला और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े उद्यमों पर कोविड 19 महामारी का बहुत ही अप्रत्याशित और गहरा प्रभाव पड़ा है.

सत्र में पैनल डिस्कशन की श्रृंखलाओं में इस बात पर गहन चर्चा की जाएगी कि कोविड 19 महामारी का सभी रचनात्मक एंव कलात्मक संसार पर कितना और कैसा असर पड़ा है तथा महामारी के बाद की सम्भावित दुष्प्रभाव क्या होंगे? चर्चा में विशेषत: कलात्मक संसार से जुड़े कलाकार, संरक्षक, क्यूरेटर, कला पारखी एंव संग्रहालय पर होने वाले असर पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.

सम्मेलन के कुछ सत्रों में इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी कि कैसे तकनीक एंव आभासीय मंचों के जरिए होने वाले दास्तान, कला प्रेमियों और कलाकारों के मध्य सेतु का काम कर रहे हैं.

बियनाले में आयोजित हो रहे कुछ चुनिन्दा सत्र हैं - संग्रहालय के तत्व, जिसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि कैसे संग्रहालय महज एक सामान रखने की जगह से परिवर्तित होकर आज सांस्कृतिक आदान प्रदान के सबसे प्रभुत्वशाली माध्यम के रूप में विकसित हो रहे हैं, कला संबंधी धारणाएं, सत्र में रसों की अनुभूति के रूप में कला को देखने के साथ पुरावशेषों, कलाकृतियों एवं ऐतिहासिक विरासत के साथ जुड़ाव पर बातचीत की जाएगी.

अंत में, पैनल द्वारा सम्मेलन के केन्द्रीय विषय बिहार, भारत और विश्व के अंतर्गत इस बात की भी पड़ताल कि जाएगी कि सांस्कृतिक संस्थान, सामूहिक इतिहास और विरासत को कैसे आकार देते हैं. पैनल द्वारा बातचीत में सांस्कृतिक विचार विमर्श के सभी परतों को साथ लाने का प्रयास किया जाएगा, सामाजिक जीवन के आधार पर वर्तमान में हमारी जीवित संस्कृतियों और उनके इतिहास की पड़ताल, एक व्यक्ति के रूप में और सामूहिक तौर पर हमारे रोजमर्रा की जिन्दगी में उसके प्रभाव पर भी विचार विमर्श किया जाएगा.

25 से 28 मार्च 2021 के बीच, चार दिनों तक चलने वाले वर्चुअल मास्टरक्लास में विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें कला रेस्टोरेशन, नृत्य माध्यम द्वारा कहानी कहने की परंपरा, आत्मकथा लेखन, फिल्म समीक्षा, कला एंव सांस्कृति को जानने एवं समझने का प्रयास और स्थानीय भाषा की समृद्ध एंव उत्कृष्ट संस्कृति के आधार पर भारतीय भाषाओं में लेखन जैसे विषय शामिल हैं.

कला एंव संस्कृति में रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह मास्टरक्लास उन्हें गहराई से विषयों को समझने एवं उसपर कला और रचनात्मक जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने का शानदार प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रहा है. सुप्रसिद्ध एंव मान्यता प्राप्त नृत्यांगना शोवाना नारायण और कलाकार नीलम चौधरी, नृत्य के जरिए कहानी कहने की परंपरा पर मास्टरक्लास की मेजबानी करेंगी.

चर्चित एवं सुप्रसिद्ध लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल, बिहार राज्य के संदर्भ में स्थानीय परंपरा में आधुनिकता के प्रभाव पर वर्तमान संदर्भ में मास्टरक्लास 'वर्नाकुलर मॉडर्निटी' पर विस्तार से चर्चा करेंगे. 'भाषा, मीडिया और बिहारी स्मृतियां' विषय पर अपने मास्टरक्लास में, द्विभाषी लेखक, इतिहासकार और अनुवादक डॉ रविकांत बिहारी भाषा की मौखिक परंपराएं, क्षेत्र से संबंधित प्राचीन और समकालीन लेखन के साथ-साथ सामूहिक बिहारी स्मृतियों को सहेजने और तारीखवार उसे आगे बढ़ाने में रेडियो और सिनेमा के मीडिया इतिहास की भूमिका पर जानकारी साझा करेंगे.

'राजा, रानी और नायिकाओं की आत्मकथा' मास्टर क्लास में लेखिका इरा मुखोटी, विस्तार से इतिहास के प्रति भारतीयों की रूचि और आत्मकथात्मक लेखन में उसके चुनिन्दा पक्षों के प्रतिनिधित्व पर चर्चा करेंगी.

कला प्रेमी बिहार संग्रहालय, पटना के परिसर में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में सशरीर भी सामिल हो सकते हैं और मुफ्त में संग्रह के ऑडियो गाइड के माध्यम द्वारा प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा उनके पास संग्रहालय में आयोजित हो रहे दो क्यूरेटेड प्रदर्शनियों दो देखने का भी मौका मिल सकता है. इसमें पहली प्रदर्शनी है - एक प्रमुख वास्तुकार राहुल गोर द्वारा 'मेकिंग ऑफ द बिहार म्यूजियम' और दूसरी प्रदर्शनी में बिहार के 19 स्थानीय संग्रहालयों के समृद्ध संग्रह का प्रदर्शन शामिल है.

पर्यटन, सम्मेलन और मास्टर क्लास की विस्तृत जानकारी, साथ ही इन तक पहुंचने के लिए लिंक www.biharmuseumbiennie.org पर उपलब्ध हैं.