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मुंगेर : बिहार में खाद की कालाबाजारी की खबर आम है. खाद की कमी से जहां किसान परेशान हैं वहीं खाद को औने-पौने दाम पर बेचे जाने की खबरें भी खूब आ रही है. ऐसी ही एक खबर मुंगेर के संत पॉल स्कूल के समीप से मिली जहां अधिक दर पर लाइसेंसधारी दुकानदार खाद की बिक्री कर रहा था जिसकी शिकायत एसडीओ को मिली. इसके बाद SDO ने मौके पर पहुंचकर देखा तो उनको पता चल गया कि मामला संगीन है. ऐसे में दुकानदार संजय केसरी का लाइसेंस रद्द कर एफआईआर का बीएओ को निर्देश दिया गया.
एक तरफ सरकार किसानों को रबी फसल के लिए दानेदार यूरिया खाद निर्धारित दर पर उपलब्ध करा रही है. जिसको लेकर किसानों के बीच आपाधापी मची हुई है. प्रशासन ने निर्धारित दर से अधिक दर वसूलने वाले खाद दुकानदारों को कड़ी हिदायत भी दे रखी है लेकिन इसके बावजूद नगर क्षेत्र के कुछ दुकानदार सरकार और प्रशासनिक निर्देश को ताक पर रखकर 400 से 500 रुपये की अधिक दर पर यूरिया खाद बेच रहे हैं.
शुक्रवार की देर रात नगर के पश्चिम अजीमगंज स्थित संत पॉल मॉडर्न एकेडमी के समीप नगर के एक लाइसेंसधारी खाद दुकानदार संजय केसरी द्वारा 400 से 500 रुपये अधिक दर पर किसानों को यूरिया खाद बेचा जा रहा था. वहीं स्थनीय किसान गौतम यादव ने इसकी सूचना अनुमंडल पदाधिकारी आदित्य कुमार झा को दी. सूचना के आधार पर एसडीओ आदित्य कुमार झा, सीओ संतोष कुमार, बीएओ राजीव रंजन व खड़गपुर पुलिस के साथ पश्चिम अजीमगंज के लाइसेंसधारी दुकानदार संजय केसरी के गोदाम पर पहुंचे. एसडीओ समेत अन्य पदाधिकारियों के पहुंचते ही वहां मौजूद कई किसानों ने उन्हें निर्धारित दर से अधिक 400 से 500 रुपए की दर से यूरिया खाद बेचे जाने की शिकायत की.
खड़गपुर एसडीओ आदित्य झा ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजीव रंजन को सख्त निर्देश देते हुए लाइसेंसी दुकानदार संजय केसरी के लाइसेंस को रद्द करने के निर्देश देते हुए किसानों के बयान पर संजय केसरी पर खड़गपुर थाना में एफआईआर करने को कहा है. एसडीओ झा ने बताया कि अधिक मूल्य पर खाद बेचे जाने की शिकायत मिली. छापेमारी में कई किसानों के पास तीन तो किसी के पास चार बोरा खाद मिला. जिससे पूछताछ में जानकारी मिली की निर्धारित दर से अधिक 400 और 500 रुपये लेकर खाद दिया गया. उन्होंने बताया कि बीएओ को दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर उसपर एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं. इधर एसडीओ के छापेमारी से अन्य खाद दुकानदारों में भी जो निर्धारित दर से अधिक दर वसूल रहे थे. उनमें हड़कंप मच गया है.