शराब पीकर हंगामा काट रहा राजस्व कर्मचारी गिरफ्तार, पहले भी वीडियो हो चुका वायरल
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शराब पीकर हंगामा काट रहा राजस्व कर्मचारी गिरफ्तार, पहले भी वीडियो हो चुका वायरल

घटनाक्रम भागलपुर के सन्हौला प्रखंड स्थित अंचल कार्यालय का है. सन्हौला प्रखंड के राजस्व कर्मचारी बीरेंद्र लाल को सन्हौला पुलिस ने शराब के नशे में गिरफ्तार किया है. जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि हुई है.

 

शराब पीकर हंगामा काट रहा राजस्व कर्मचारी गिरफ्तार, पहले भी वीडियो हो चुका वायरल

भागलपुर:  बिहार से आए दिन शराब तस्करों और शराब कारोबारियों को गिरफ्तार करने की खबरें आती रहती हैं. बिहार सरकार व प्रशासन पूरे जोर शोर से शराबबंदी कानून को लागू करने पर उतारू है, लेकिन अंचल कार्यालय के राजस्व कर्मचारी शायद इस बात को नकारते नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां के सरकारी अधिकारियों के शराब सेवन का मामला सामने आया है. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर मेडिकल करवाया है. 

मेडिकल जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि हुई
आम लोगों की तो छोड़िए बिहार में तो सरकारी साहब ही शराब पीकर मस्त घूम रहे हैं. बता दें कि घटनाक्रम दरअसल भागलपुर के सन्हौला प्रखंड स्थित अंचल कार्यालय का है. सन्हौला प्रखंड के राजस्व कर्मचारी बीरेंद्र लाल को सन्हौला पुलिस ने शराब के नशे में गिरफ्तार किया है. जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि हुई है.

सन्हौला प्रखंड के अंचल कार्यालय में कार्यरत है वीरेंद्र लाल

बताया जा रहा है कि वीरेंद्र लाल शराब के नशे में कार्यालय में काम कर रहा था. तभी किसी से नोंक झोंक हुई. इस दौरान पूर्व जिला परिषद प्रतिनिधि संजीत सुमन भी वहां मौजूद था. उसी ने सन्हौला थाने को इस बारे में शिकायत की, कि कर्मचारी शराब के नशे में धुत्त है. इसके बाद मौके पर पहुंची और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल जांच करावाई गई. 

पहले भी अधिकारी पर शराब पीने का आरोप
जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी अधिकारी पर शराब पीने का आरोप लगा हुआ है. बाकायदा वीडियो भी वायरल हुआ था, लेकिन अपनी पहुंच की वजह से वह अब भी सरकारी बाबू बने बैठा है.

क्या है शराबबंदी कानून ? 
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण मद्यनिषेध लागू हुआ था. राज्य सरकार की तरफ से मद्यनिषेध नीति को कार्यान्वित करने के लिए बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम अक्टूबर 2016 में लागू किया गया था.  शराबबंदी में प्राप्त अनुभवों के आधार पर अधिनियम में वर्ष 2018 एवं 2020 में कुछ संशोधन भी किये गए है.

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