बांका में नैनो यूरिया लेने को मजबूर किसान, इस्तेमाल की जानकारी नहीं होने पर फसल बर्बाद होने का है डर
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1465375

बांका में नैनो यूरिया लेने को मजबूर किसान, इस्तेमाल की जानकारी नहीं होने पर फसल बर्बाद होने का है डर

बांका मुख्यालय के बिस्कोमान में यूरिया खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ गई. हालांकि किसानों को यूरिया खाद लेना काफी महंगा पड़ रहा है. यहां पर किसानों को यूरिया खाद लेने के बाद नैनो यूरिया भी लेना पड़ रहा है. जिसकी कीमत ढाई सौ रुपये है. 

बांका में नैनो यूरिया लेने को मजबूर किसान, इस्तेमाल की जानकारी नहीं होने पर फसल बर्बाद होने का है डर

Banka: बिहार के बांका मुख्यालय के बिस्कोमान में यूरिया खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ गई. हालांकि किसानों को यूरिया खाद लेना काफी महंगा पड़ रहा है. यहां पर किसानों को यूरिया खाद लेने के बाद नैनो यूरिया भी लेना पड़ रहा है. जिसकी कीमत ढाई सौ रुपये है. जिसके कारण उन्हें ये खाद काफी महंगी पड़ रही है. साथ ही किसानों को नैनो यूरिया के इस्तेमाल की जानकारी नहीं होने के कारण सभी में फसल बर्बाद होने का डर बना हुआ है. 

यूरिया की कीमतों से जेब पर पड़ रहा असर
दरअसल, इन दिनों रबी फसल की जाती है. जिसको लेकर बांका के किसान मुख्यालय के बिस्कोमान में पहुंच कर खाद के लिए उमड़े हैं. हालांकि यहां पर किसानों को यूरिया खाद काफी कीमत में मिल रहा है. यूरिया खाद और नैनो खाद की कीमत ढाई सौ रुपये है. इसके अलावा  लिक्विड नैनो यूरिया की भी कीमत ढाई सौ रुपये है. जिसके कारण किसानों की जेब पर असर पड़ रहा है. वहीं, प्रबंधक ने बताया कि किसान यूरिया से ज्यादा नैनो यूरिया का उपयोग करें. जिससे ज्यादा स्वस्थ रह सकते है. 

नैनो यूरिया की नहीं है जानकारी 
वहीं, किसानों का आरोप है कि नैनो यूरिया छिड़काव करने के लिए मशीन उपलब्ध नहीं है. साथ ही इसकी जानकारी नहीं है, कि किस प्रकार से नैनो यूरिया का उपयोग करें.  जिसके कारण किसानों में काफी डर बना हुआ है. इसी वजह से यहां के किसान नैनो यूरिया खरीदने से बच रहे हैं. लेकिन सरकार के आदेशानुसार एक पैकेट यूरिया खाद के साथ नैनो यूरिया लेना जरूरी है.  वहीं, महिला किसानों ने बताया कि नैनो यूरिया के बारे में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है. यहां पर किसान जबरन नैनो यूरिया लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. 

किसानों में फसल बर्बाद होने का डर
हालांकि कुछ किसानों ने बताया कि नैनो यूरिया खाद से लोगों को फायदा हो रहा है.  लेकिन बिना प्रशिक्षण और बिना किसी जानकारी के लोग लेने से परहेज कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि नैनो यूरिया ले लेंगे, लेकिन इसका उपयोग नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि बिना जानकारी के अगर इसका इस्तेमाल करेंगे और किसी भी प्रकार की गलती हुई तो पूरे साल की मेहनत बर्बाद हो जाएगी. इसी डर के कारण यहां के किसान नैनो यूरिया लेने से बच रहे हैं. 

(रिपोर्टर-बीरेंद्र कु. सिन्हा)

ये भी पढ़िये: Bihar Weather Update: देश के दक्षिणी हिस्सों में तेज बारिश की संभावना, बिहार के 14 जिलों के तापमान में आई गिरावट

Trending news