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Supreme Court's biggest decision in favor of homosexuals
ये वो साल था जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसने भारत में समलैंगिकों की परिभाषा ही बदलकर रख दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को वैध करार देते हुए कहा कि सेक्शुअल ओरियंटेशन प्राकृतिक होता है और लोगों का उसके ऊपर कोई नियंत्रण नहीं होता. जिससे ट्रांसजेंडर्स और समाज में LGBTQ को एक नई पहचान मिली