अमेरिकी सद्र ट्रंप जिस दवा के लिए कर रहे थे पैरवी, US FDA ने की मुखालिफत
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अमेरिकी सद्र ट्रंप जिस दवा के लिए कर रहे थे पैरवी, US FDA ने की मुखालिफत

US FDA ने HCQ और क्लोरोक्विन को खारिज करते हुए कहा कि ये दवाएं दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं

अमेरिकी सद्र ट्रंप जिस दवा के लिए कर रहे थे पैरवी, US FDA ने की मुखालिफत

नई दिल्ली: आलमी वबा बन चुके कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए अभी किसी भी तरह दवाई या वैक्सीन का इजाद नहीं किया जा सका है. इसी बीच मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के कोरोना मुतास्सिरीन पर असर डालने की ख़बर सामने आई थी. जिसके बाद अमेरिकी सद्र ट्रंप ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) की पूर्ति के लिए जोर लगा रहे थे. लेकिन अमेरिका के फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US FDA) ने जुमे को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दे दी है.

एफडीए ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि उन्हें HCQ और क्लोरोक्विन के इस्तेमाल के बारे में पहले से पता था, मलेरिया की दवाएं दिल की धड़कनों में अनियमितता और हार्ट बीट को खतरनाक तौर से बढ़ा सकती हैं. एफडीए कमिश्नर स्टीफन एम. हाहन का कहना है कि, 'जहां COVID-19 के लिए जब इन दवाओं की सिक्योरिटी और इफ्क्टिवनेस को निर्धारित करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं, तो इन दवाओं के साइड इफैक्ट्स को भी ध्यान में रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ''सेहत कर्मी हर एक मरीज को बारीकी से मॉनीटर करें जिससे इन खतरों को कम किया जा सके. एफडीए इन मुश्तबा खतरों की निगरानी और जांच करना जारी रखेगा और अधिक जानकारी मुहैया होने पर समाजी तौर से बात करेगा.'

एफडीए की इस अलर्ट के बाद, अमेरिकी सद्र डोनाल्ड ट्रंप ने जुमे को व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में कहा, 'आप इसपर दोनों तरह की बातें सुनते हैं.' उन्होंने कहा , 'मैं डॉक्टर नहीं हूं. इसपर एक स्टडी किया जाना है. अगर इससे कोई मदद मिलती है तो अच्छा है. अगर ये काम नहीं करता, तो इसे मत करो.' 

आपको बता दें कि ट्रंप ने क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का बड़ी मजबूती के साथ हिमायत की थी, जबकि उनके दावों को सर्टिफाइड करने के लिए पूरी स्टडी की कमी थी. उन्होंने COVID -19 के इलाज के लिए इस दवा को 'गेम-चेंजर' बताया था.

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर अमेरिकी हुकूमत की ओर से किए गए अब तक के सबसे बड़ी स्टडी के नतीजों में कहा गया है कि इस दवा ने वायरस पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं दिखाया है, और वास्तव में ज्यादा् मौतें हुई हैं.

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