पेंग ने 2 नवंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि कम्युनिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष और सदस्य झांग गाओली (Zhang Gaoli) ने तीन साल पहले जबरन उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की.
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नई दिल्ली: चीन में गायब होने वाले नामों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है. चीन में पहले कारोबारी जैक मा (Jack Ma) गायब हुए फिर रेन झिक्यिआंग और अब टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई (Peng Shuai) गायब हैं. पेंग शुआई ने कम्युनिस्ट पार्टी के एक पूर्व अफसर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
दरअसल चीन में कई राजनीतिक असंतुष्ट, सेलेब्रेटी, कारोबारी गायब हुए हैं. इन लोगों में कॉमन बात यह रही कि इन लोगों ने किसी न किसी तरह से सत्ता के खिलाफ आवाज बुलंद की. पेंग शुआई के ताल्लुक से लोगों ने सोशल मीडिया पर एक मुहिम छेड़ी है. लोग चीन से पूछ रहे हैं कि आखिर उसने पेंग के साथ क्या किया?
#WhereIsPengShuai pic.twitter.com/t8SPCrqnMl
— wta (@WTA) November 18, 2021
पेंग ने 2 नवंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि कम्युनिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष और सदस्य झांग गाओली (Zhang Gaoli) ने तीन साल पहले जबरन उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की. यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर उनके अकाउंट से जल्द ही हटा दी गई. हालांकि इस सनसनीखेज खुलासे के स्क्रीनशॉट चीन में इंटरनेट पर फैल गए. अब लोग चीन से सवाल पूछ रहे हैं कि टेनिस खिलाड़ी कहां है. टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स ने पेंग के लापता होने पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए और वह खामोश नहीं बैठेंगी.
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टेनिस खिलाड़ी से पहले दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा समूह (Alibaba Group) के संस्थापक जैक मा (Jack Ma) चीन में लापता हुए थे. अक्टूबर 2020 में एक भाषण में उन्होंने नियामकों को रूढ़िवादी बताया था.
इससे पहले रियल एस्टेट कारोबारी रेन झिक्यिआंग गायब हुए थे. उन्होंने कोरोना वायरस से निबटने को लेकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की आलोचना की थी. इसके बाद में उसी साल उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में 18 वर्ष की जेल की सजा हुई.
यह गौरतलब है कि चीन में जब भी किसी छोटे या बड़े कारोबारी या सेलेब्रेटी ने सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई उसे दबा दिया गया. ऐसे कई लोग हैं जो चीन से रातों रात गायब हो गए, जिनकी किसी को खबर नहीं. इसके अलावा चीन में उईगर मुसलमानों के हवाले से भी खबरें आती रहती हैं. कई अंतर्रष्ट्रीय मीडिया ने इस बारे में दुनिया को बताने की कोशिश की. बताया जाता है कि चीन में उईगर मुसलमानों पर जुल्म होता है. उन्हें ट्रेनिंग के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है. तरबियाती कैंपों में उनके साथ मानवाधिकार का उल्लंघन किया जाता है, लेकिन चीन हमेशा ऐसी बातों से इंकार करता रहा है.
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