World Cancer Day: जानिए क्यों और कबसे मनाया जाता है कैंसर डे
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World Cancer Day: जानिए क्यों और कबसे मनाया जाता है कैंसर डे

 इस बीमारी की संजीदगी को देखते हुए इसके लिए लोगों को बेदार भी किया जा रहा है. यह बीमारी अभी तक ला इलाज है लेकिन अगर इस बीमारी को पहले ही पहचान लिया जाए तो इससे बचाव भी हो सकती है. 

  • यह बीमारी अभी तक ला इलाज है लेकिन अगर इस बीमारी को पहले ही पहचान लिया जाए तो इससे बचाव भी हो सकती है. 
  • कम से कम 30 मिनट कसरत और खाने में पत्तेदार सब्जियां - सलाद का इस्तेमाल कैंसर को दूर भगा सकता है
  • यह वो बीमारी है जिससे गुज़िश्ता कुछ सालों में सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं

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अलामती तस्वीर

नई दिल्ली: आज यानी 4 फरवरी को, पूरी दुनिया में इस दिन को आलमी यौमे कैंसर (World Cancer Day 2020) के तौर पर मनाती है. कैंसर दुनिया की सबसी ख़तरनाक बीमारियों में से एक है. . इस बीमारी की संजीदगी को देखते हुए इसके लिए लोगों को बेदार भी किया जा रहा है. यह बीमारी अभी तक ला इलाज है लेकिन अगर इस बीमारी को पहले ही पहचान लिया जाए तो इससे बचाव भी हो सकती है. 

पहली बार आलमी कैंसर डे 1933 को जेनेवा में मनाया गया था जिसके बाद 4 फरवरी 2000 को पेरिस में आलमी कैंसर इजलास हुआ. यहीं पर यह भी तय हुआ था कि 4 फरवरी को कैंसर डे मनाया जाएगा. इस दिन को मनाने का मक़सद है कि इस खतरनाक बीमारी के लिए लोगों मे बेदारी पैदा करना है. यह बीमारी मर्द और ख्वातीन दोनों में पाई जाती है लेकिल ज्यादा तर ख्वातीन में इस बीमारी को नोट किया गया. ख्वातीन में भी सबसे ज्यादा ब्रेस्ट पाया जाता है. अगर इसका सही वक्त पर पता ना चले तो यह पूरे जिस्म में फैल जाती है और फिर यह बीमारी जान लेकर ही पीछा छोड़ती है. 

इस बीमारी की आलामात
अचानक वज़न कम होना कैंसर की अलामत में शामिल है, हालांकि दीगर कई बीमारियों की वजह से भी वज़न कम होता है लेकिन अगर ज्यादा तेज़ी से वज़न कम होता है तो इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए. ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा ख्वातीन में पाया जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ ख्वातीन में ही पाया जाता है बल्कि यह मर्दों को भी हो सकता है लेकिन ज्यादा तर ये ख्वातीन में ही पाया जाता है. अगर यह ख्वातीन के ब्रेस्ट में दाखिल हो जाता है तो उस्के ब्रेस्ट में कई तरह की तब्दीलियां होती है और इन तब्दीलियों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए. इनके अलावा शरीर में थकान रहना, बुख़ार का ठीक ना होना, बदन के किसी भी हिस्से में गांठ हो जाना खांसी वगैरा जो ठीक ना होती हो, इन बीमारियों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए.

इन चीज़ो का रखें ख्याल
कैंसर से बचाव के लिए डाक्टर सबसे ज्यादा लाइफस्टाइल और खाने-पीने की आदत को ही मददगार मानते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि रोज़ाना कम से कम 30 मिनट कसरत और खाने में पत्तेदार सब्जियां - सलाद का इस्तेमाल कैंसर को दूर भगा सकता है. इसके अलावा पिज्ज़ा, बर्गर, फ्रेंच फ्राई जैसे खाने की चीजों से दूर रहना सबसे ज्यादा मददगार साबित होगा. बच्चों को कैंसर से बचाने के लिए उन्हें चॉकलेट और फास्टफूड से दूर रखना चाहिए.

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