कप सिरप से 18 बच्चों की मौत का मामला, मानकों पर खरी नहीं उतरी दवा, तीन गिरफ्तार मालिक फरार
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कप सिरप से 18 बच्चों की मौत का मामला, मानकों पर खरी नहीं उतरी दवा, तीन गिरफ्तार मालिक फरार

Cough Syrup Case: साल 2020 में कजाकिस्तान में भारत की सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई थी. दवा का सैंपल कई मानकों पर खना नहीं उतरा है. इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इसका मालिक फरार है. 

कप सिरप से 18 बच्चों की मौत का मामला, मानकों पर खरी नहीं उतरी दवा, तीन गिरफ्तार मालिक फरार

Cough Syrup Case: नोएडा में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में कोतवाली फेज-3 पुलिस ने गाजियाबाद के ड्रग्स इंस्पेक्टर आशीष की शिकायत कर कम्पनी मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कंपनी के ऑपरेशन हेड सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि कंपनी के मालिक और मालकिन को फरार बताया जा रहा है, उसकी तलाश की जा रही है.

पुलिस की गिरफ्त में खड़े मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह पुत्र को गिरफ्तार किया गया है. इनकी गिरफ्तारी गाजियाबाद के ड्रग्स इंस्पेक्टर आशीष ने लिए गए दवा सैंपल की नमूनों के मानकों पर खरा ना पाए जाने के बाद की गई है. सेंट्रल नोएडा के एडिशनल डीसीपी राजीव दिक्षित ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि सेक्टर 67 स्थित दवा कंपनी मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में निर्मित कफ सिरप को मानकों पर खरा नहीं पाया गया था. शिकायत पर थाना फेस-3 में कई धाराओं के तहत कंपनी की डारेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह के खिलाफ मुकदमा किया गया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत और मूल सिंह को गिरफ्तार किया है. कंपनी के मालिक और मालकिन दोनों फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है इनकी भी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी. 

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मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड 2020 में दिसंबर माह में चर्चा में आई थी जब कंपनी द्वारा बनाई गई सिरप पीने से कजाकिस्तान के 18 बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. कजाकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और कंपनी पर छापेमारी की थी. केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग की एक दल ने पिछले साल 29 दिसंबर को यहां कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था. जांच के लिए 36 नमूने लिए गए थे.

गौतम बुध नगर की औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि निरीक्षण के बाद 22 नमूने फेल हो गये थे. दौरान कंपनी के प्रतिनिधि के डॉक-1 मैक्स के उत्पादन से जुड़े दस्तावेज नही कर पाए थे. इसके बाद सरकार ने उत्पादन पर रोक लगा दी थी. निरीक्षण के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि के उत्पादन से जुड़े दस्तावेज दवा के रिकॉर्ड मेंटेनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा का उत्पादन का लाइसेंस भी निलंबित किया जा चुका है.

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