किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं IPS सफीन हसन का संघर्ष, होटलों में रोटियां बनाकर माँ ने बेटे को बनाया अफसर

Taushif Alam
May 27, 2024


हर मां-बाप का सपना होता है कि उसका औलाद पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बने. हालांकि, किसी का सपना पूरा होता, तो किसी का नहीं होता है.


लेकिन गरीबी में पले-बढ़े बच्चों के लिए UPSC का सपना-सपना ही रह जाता है. क्योंकि उनके पास सीमित संसाधन होता है. ऐसे में कई ऐसे बच्चे हैं, जो इन विषम परिस्थितियों से लड़कर कामयाब हुए हैं.


मैं बात कर रहा हूं, सफिन हसन की, जिन्होंने 22 साल की उम्र में साल 2017 में UPSC की परीक्षा में 570वीं रैक हासिल की थी और 22 साल के उम्र में IPS अधिकारी बन गए.


सफीन हसन की कहानी, फिल्मी कहानी से कम नहीं है. क्योंकि उनके जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आया, लेकिन उन्होंने खराब हलातों से डटकर मुकाबला किया है. आइए जानते हैं, उनकी ही जुबानी.


सफीन हसने के माता पिता दोनों ही हीरा मजदूर थे. मंदी की वजह से दोनों की नौकरी चली गई, जिसके बाद मां ने रोटियां बनाकर सफीन की पढ़ाई का खर्च उठाया था.


सफीन कहते हैं कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे, तो मां नसीम बानों ने रेस्टोरेंट और शादी समारोह में रोटी बनाने का काम किया है और पूरे परिवार का खर्च उठाया.


हसने कहा, "जब वह दिल्ली आए थे, तो गुजरात के पोलरा परिवार ने 2 साल तक हमारा खर्च उठाया था. वहीं, लोग हमारे कोचिंग की फी भी देते थे."


उन्होंने आगे कहा, "पढ़ाई के दौरान हमें कई रात खाली पेट भी सोना पड़ा था. जब मैं यूपीएससी का पहले अटेंप्ट दे रहे थे, उस वक्त मेरा एक्सीडेंट हो गया. इसके बावजूद साल 2017 में सिविल सर्विस का एग्जाम क्रैक किया और 570रैंक हासिल की और आइपीएस बनने का सफर तय किया है."


एग्जाम क्रैक करने के बाद देश के सबसे युवा IPS सफीन हसन ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर चले गए. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सफीन को गुजरात कैडर मिला, जहां वह जामनगर जिले में पुलिस उपाधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

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