दुनियाभर के मुसलमान एक ही दिशा में खड़े होकर क्यों अदा करते हैं नमाज़ ?
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दुनियाभर के मुसलमान एक ही दिशा में खड़े होकर क्यों अदा करते हैं नमाज़ ?

नमाज पढ़ते वक्त नमाजी का चेहरा किबला की तरफ रखना जरूरी होता है. इस नियम का पूरी दुनिया के मुसलमान पालन करते हैं. आईये...जानते हैं, आखिर एक ही दिशा में खड़े होकर क्यों पढ़ी जाती है नमाज़ ? 

दुनियाभर के मुसलमान एक ही दिशा में खड़े होकर क्यों अदा करते हैं नमाज़ ?

नई दिल्लीः मुसलमानों को दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ना जरूरी होता है, यानी इससे किसी बहाने से भी बचने की गुंजाइश नहीं होती है. दुनिया के सभी मुसलमान एक ही दिशा में अपना मुंह कर नमाज पढ़ते हैं, चाहे वह व्यक्तिगत तौर पर नमाज पढ़ रहे हों या सामूहिक तौर पर. उनके बीच इसे लेकर कोई विवाद नहीं होता है. इसकी वजह है कि कुरान और हदीस में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख कर दिया गया है कि नमाज किबला रुख की तरफ मुहं करके पढ़नी है. यानी सउदी अरब में जो मक्का मस्जिद है और जहां दुनिया भर के मुसलमान हज करने जाते हैं, उसी तरफ रुख करके नमाज पढ़नी होती है. 

भारत से यह मस्जिद पश्चिम की दिशा में पड़ती है, इसलिए भारत के मुसलमान पश्चिम दिशा में रुख करके नमाज अदा करते हैं. लेकिन सउदी अरब के दूसरी दिशाओं में पड़ने वाले देशों के मुसलमान उत्तर-दक्षिण या पूरब की तरफ भी अपना रुख कर नामज पढ़ते हैं. इसलिए दिशा महत्वपूर्ण न होकर यहां मक्का मस्जिद की तरफ रुख करना ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है. मौलाना अबरार कासमी कहते हैं, यूं तो अल्लाह दुनिया के जर्रे-जर्रे में व्याप्त है. हर दिशाओं में हैं, लेकिन किबला रुख कर नमाज पढ़ने के हुक्म के पीछे सभी को एक सूत्र में बांधना और विवादों से बचना बड़ा मकसद है, नहीं तो लोग नमाज पढ़ते वक्त इस बात के लिए लड़ पड़ते कि कौन किस रुख खड़े होकर नमाज पढ़ेगा?’’

नई जगह पर कैसे तय करे किबला रुख
अगर कोई आदमी किसी ऐसी जगह पर है, जहां वह ये तय नहीं कर पा रहा है कि पश्चिम/ किबला रुख किस तरफ है, तो वह किसी से पूछ कर नमाज पढ़ ले. अगर वहां कोई बताने वाला मौजूद न हो तो वह स्वेच्छा से जिधर उसे किबला रुख लगे उधर घूमकर नमाज पढ़ ले, तो उसकी नमाज हो जाएगी. अगर कोई गलत दिशा में घूमकर नमाज पढ़ रहा है और उसे नमाज में ही सही दिशा का ज्ञान हो जाता है तो फिर नमाज में ही किबला रुख की तरफ घूम जाना है. मालूम होने के बाद भी अगर कोई किबला की तरफ अपना मुंह नहीं करेगा तो उसकी नमाज नहीं होगी. अगर कोई सफर में किसी सवारी के अंदर नमाज पढ़ रहा हो और सवारी घूम गई हो तो नमाजी को नमाज के दौरान ही किबला की तरफ घूम जाने का आदेश होता है. 

Zee Salaam

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