तीरथ सिंह रावत 20 वर्ष की उम्र में बन गए थे RSS प्रांत प्रचारक, आज शाम को लेंगे CM पद की शपथ
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तीरथ सिंह रावत 20 वर्ष की उम्र में बन गए थे RSS प्रांत प्रचारक, आज शाम को लेंगे CM पद की शपथ

तीरथ सिंह रावत 90 के दशक में चले अयोध्या श्रीराम जन्भूमि आंदोलन से जुड़े और दो साल जेल में रहे. उन्होंने प्रदेश में मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा की अगुवाई की थी.

तीरथ सिंह रावत 20 वर्ष की उम्र में बन गए थे  RSS प्रांत प्रचारक, आज शाम को लेंगे  CM पद की शपथ

देहरादुन: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का ऐलान. तीरथ सिंह रावत होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री. बुधवार को विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत चुने गए . तीरथ सिंह रावत आज शाम 4 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके नाम पर मुहर लगते ही कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल ने उन्हें फुलों का एक गुलदस्ता देकर उनको बधाई दी. बता दें कि तीरथ सिंह संघ की पहली पसंद थे.  वे हमेशा से ही सियासी गुटबाजी से दूर रहे हैं. 

तीरथ सिंह रावत गढ़वाल से हैं सांसद 
तीरथ सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता  हैं. वह वर्तमान में उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद है. वह इससे पहले साल 2012- 2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे. वह फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं. उन्हें  लोकसभा चुनाव 2019 में हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था.

तीरथ सिंह रावत जीवन परिचय 
तीरथ सिंह रावत का जन्म 9 अप्रैल 1964 में पौड़ी गढ़वाल के सीरों, पट्टी असवालस्यूं नामक स्थान में हुआ था. उनके पिता नाम का कलम सिंह रावत और माता का नाम गौरा देवी है. उन्होंने हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविधालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स (बी.ए) का ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल  के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की शिक्षा ग्रहण की है.

तीरथ सिंह रावत 20 वर्ष की उम्र में बन गए थे  RSS प्रांत प्रचारक

तीरथ सिंह रावत पढ़ाई पूरी करने के बाद राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) के साथ जुड़ गए थे. इस दौरान उन्होंने एक समाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम किया. महज  20 वर्ष की उम्र में 1983 में उसके प्रान्त प्रचारक बन गए.राजनैतिक दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राज्य के संगठन मंत्री का पद संभाला.  इस दौरान उन्होंने छात्रों के लिए कई सराहनीय कार्य किए.  उनके शानदार काम की वजह से तीरथ को राष्ट्रीय संगठन मंत्री का पद भी मिला. उन्होंने हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय के छात्र संघ का चुनाव लड़ा और सफलतापूर्वक अध्यक्ष पद के लिए चुने गए. वह छात्र संघ मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे.

दो साल जेल में रहे थे 

वह 90 के दशक में चले अयोध्या श्रीराम जन्भूमि आंदोलन से जुड़े और दो साल जेल में रहे. उन्होंने प्रदेश में मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा की अगुवाई की थी. उन्होंने 90 के दशक में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी और वर्ष 2000 में जब उत्तराखंड राज्य बना तो वह पहली राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री बने थे. आंदोलन के दौरान बनी प्रदेश छाया सरकार (शैडो कैबिनेट) में भी वह मंत्री रहे. उत्तर प्रदेश में भी उन्होंने वर्ष 1997 में राज्य के बनने से पहले बतौर विधान परिषद सदस्य कार्य किया था. वह विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष भी चुने गए थे जो विधान परिषद के अधीन आती है.

साल 2007 में उन्हें भाजपा उत्तराखंड इकाई का महामंत्री चुना गया. इसके बाद उन्हें प्रदेश भाजपा चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्य्ता अभियान का प्रमुख का पदभार भी दिया गया.  धार्मिक समझ के कारण उन्हें दैवीय आपदा प्रबंधन समिति का अध्यक्ष भी चुना गया था. वह फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष भी रहे. 2017 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया. 

 

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