कल आएगा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस का फैसला, जानिए क्या है यह पूरा मामला
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कल आएगा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस का फैसला, जानिए क्या है यह पूरा मामला

हिंदू फरीक का दावा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद की तामीर मुगल शासक बाबर ने 1528 में श्रीराम जन्मभूमि पर बने रामलला के मंदिर को तोड़कर करवाई थी.

बाबरी मस्जिद की फाइल फोटो

नई दिल्ली: अयोध्या के बाबरी मस्जिद इन्हेदाम (विध्वंस) मुजरिमाना मामले में सीबीआई की खास अदालत 30 सितंबर को फैसला सुनाने जा रहे है. फैसले अदालत ने सभी मुल्ज़िमों को फैसले के दिन अदालत में रहने का का हुक्म दिया है. इस मामले में भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 लोगों को मुल्ज़िम बनाया गया है. जिसमें से 17 की मौत हो चुकी है. 

इससे मुतअल्लिक सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामल को 31 अगस्त तक मुकम्मल करने का हुक्म दिया था और सीबीआई की खास अदालत कोशिश भी कर रही थी कि मामले का निपटारा 31 अगस्त तक कर लिया जाए लेकिन कन्ही वजहों के चलते यह एक महीने आगे हो गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 351 गवाहों और लगभग 600 दस्तावेज़ पेश किए जा चुके हैं. 

अब इस मस्जिद गिराए जाने के मामले में हिंदू फरीक का दावा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद की तामीर मुगल शासक बाबर ने 1528 में श्रीराम जन्मभूमि पर बने रामलला के मंदिर को तोड़कर करवाई थी. जबकि मुस्लिम फरीक का दावा था कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी. साल 1885 में पहली बार यह मामला अदालत में पहुंचा था. भाजपा लीडर लाल कृष्ण आडवाणी ने 90 की दहाई में राम रथ यात्रा निकाली और राम मंदिर तहरीक (आंदोलन) ने जोर पकड़ा.

6 दिसंबर 1992 को 16वीं सदी की बनी इस बाबरी मस्जिद को कार सेवकों की एक भीड़ ने ढहा दिया था जिसे लेकर मुल्कभर में फिरकावाराना (सांप्रदायिक) माहौल पैदा हो गया था, दंगे भी हुए और हज़ारों की तादाद में लोगों ने इन दंगों में अपनी जान गंवाई. तबसे ही यह मामला अदालत में चल रहा था. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने तारीखी फैसला सुनाते हुए मुतनाज़ा (विवादित) ज़मीन पर राम मंदिर की तामीर का हुक्म दिया. जबकि मुस्लिम फरीक को अयोध्या में ही किसी अहम जगह पर 5 एकड़ ज़मीन मस्जिद की तामीर के लिए दी गई है. 

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