उन्होंने कहा- कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ने इस बात का भरोसा दिया था कि आगामी 7-8 दिन में हम लोग साथ बैठकर इस पर विचार करेंगे. मैंने उनसे उस दिन भी निवेदन किया था कि पानी का कोई पैमाना नहीं हो सकता.
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नई दिल्ली: ज़ी सलाम (Zee Salaam) के एडिटर दिलीप तिवारी ने केंद्री जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ खास बात-चीत की. इस दौरान एडिटर ने केंद्रीय मंत्री से पंजाब-हरियाणा के सबसे बड़े मुद्दे SYL (Satluj-Yamuna Link) पर सवाल किए. केंद्रीय मंत्री ने जवाब देते हुए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस इंफ्रास्ट्रेक्चर प्रोजेक्ट को अधर में लटकाने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. पढ़ें उनका पूरा इंटरव्यू.
सवाल: एक और बड़ी चुनौती जो आपके मंत्रालय से जुड़ी है कि पंजाब और हरियाणा में SYL का विवाद है. हरियाणा का आरोप है कि पंजाब ने उसका हिस्सा या हक मार कर रखा हुआ है और यह हमको मिलना चाहिए, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: देखिए यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए मुझे लगता है कि इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, लेकिन फिर भी मैं जानकारी के लिए बता दूं कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश किया था कि इसे भारत सरकार को सचिव स्तर पर वार्ता करके सुलझाने का प्रयास करना चाहिए. सचिव स्तर पर वार्ता भी हुई लेकिन रास्ता नहीं निकल पाया.
सुप्रीम कोर्ट ने दूसरा आदेश दिया कि भारत सरकार के जलशक्ति मंत्री दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकर चर्चा करें. हमने 18 अगस्त 2020 को दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की.
उन्होंने कहा- कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ने इस बात का भरोसा दिया था कि आगामी 7-8 दिन में हम लोग साथ बैठकर इस पर विचार करेंगे. मैंने उनसे उस दिन भी निवेदन किया था कि पानी का कोई पैमाना नहीं हो सकता. प्रकृति प्रदत्त चीज है, हर साल कितना पानी आएगा इसका कोई पैमाना नहीं हो सकता. किसी साल 20 BCM पानी आता है, कभी 16 BCM पानी आता है, कभी 14 हो सकता है और कभी 12 भी हो सकता है. कभी शायद उससे भी कम हो जाए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा- प्रोरिटी बेसिस पर जिसका जितना हिस्सा है उसे उतना मिलता रहेगा लेकिन इसकी वजह से हमें इंफ्रास्ट्रक्चर को नहीं रोकना चाहिए. कम से कम इंफ्रास्ट्रक्चर बन जाए जब ज्यादा पानी होगा तो हम ट्रांसफर तो कर पाएंगे या तो समुद्र में बह कर जाएगा या पाकिस्तान बहकर जाएगा. दोनों परिस्थितियों को हम बदल सकते हैं मुझे कैप्टन अमरिंदर सिंह जी द्वारा भरोसा दिलाया गया था कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से बैठकर चर्चा करेंगेदुर्भाग्य से ठीक उसके बाद मुझे और हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर जी को कोरोना हो गया था लेकिन अगस्त से लेकर आज तक कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ने कोई पहल नहीं की, बात आगे नहीं बढ़ी.
सवाल: आपको क्या लगता है, कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में रखना चाहते हैं या फिर हरियाणा को उसका वाजिब हक देने के लिए तैयार है?
जवाब: रुकावट का समाधान निकालने की उनकी मानसिकता होती तो शायद उन्होंने बात आगे बढ़ाई होती और जिस तरह के स्टेटमेंट उन्होंने उसके बाद दिए थे वह इस बात के गवाह हैं कि इसमें आगे कदम नहीं बढ़ाना चाहते. मामला सर्वोच्च न्यायालय में है खुद को ही इस पर निर्णय करने देते हैं.
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