बाबरी विध्वंस मामला: फैसले से पहले उमा भारती का बड़ा बयान,'फैसला जो भी हो ज़मानत नहीं लूंगी'
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बाबरी विध्वंस मामला: फैसले से पहले उमा भारती का बड़ा बयान,'फैसला जो भी हो ज़मानत नहीं लूंगी'

 मुझे नहीं पता कि फैसला क्या होने वालो है लेकिन जो भी हो मैं ज़मानत नहीं लूंगी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: 30 सितंबर को बाबरी इन्हेदाम (विध्वंस) मामले का फैसला आने वाला है. उससे पहले इस मामले में मुल्ज़िम और भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर उमा भारती और राम विलास वेदांती का बड़ा बयान सामने आया है. भारती ने भाजपा सद्र जेपी नड्डा को खत लिख कर कहा है कि 30 सितंबर को बाबरी विध्वंस मामले का फैसला आ रहा है और मुझे अदालत में पेश होना है. 

उन्होंने खत में आगे लिखा कि अदालत उनके लिए मंदिर की तरह है जो भी फैसला होगा वो मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा. मैंने हमेशा कहा है कि अयोध्या के लिए तो फांसी भी मंज़ूर है. मुझे नहीं पता कि फैसला क्या होने वालो है लेकिन जो भी हो मैं ज़मानत नहीं लूंगी. 

इसके अलावा अदालत के फैसले से पहले अयोध्या से साबिक एमपी डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा है कि अदालत अगर उम्रकैद या फांसी की सजा देती है तो उन्हें खुशी से मंजूर होगी. उन्होंने अदालत में कहा था कि मस्जिद में रामलला विराजमान थे और वह ढांचा खंडर हो गया था. ढांचा कभी भी गिरकर रामलला को नुकसान पहुंचा सकता था. लिहाजा खंडर को तुड़वाया गया, जिसे तोड़ने वाले मुल्क के लाखों लोग थे.

बता दें कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद इन्हेदाम (विध्वंस) मुजरिमाना मामले में सीबीआई की खास अदालत 30 सितंबर को फैसला सुनाने जा रही है. फैसला के दिन अदालत ने सभी मुल्ज़िमों को अदालत में रहने का का हुक्म दिया है. इस मामले में भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 लोगों को मुल्ज़िम बनाया गया है. जिसमें से 17 की मौत हो चुकी है. 

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