Heba Fatima: तेलंगाना से आपसी भाईचारे की ख़बर सामने आई हैं, जहां एक मुस्लिम बेटी हिबा फ़ातिमा ने ऐसी नज़ीर पेश की है जिसपर पूरे मुल्क को नाज़ है. हिबा फातिमा ने श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोकों का उर्दू में तर्जुमा किया है.
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Heba Fatima: तेलंगाना से आपसी भाईचारे की ख़बर सामने आई हैं, जहां एक मुस्लिम बेटी हिबा फ़ातिमा ने ऐसी नज़ीर पेश की है जिसपर पूरे मुल्क को नाज़ है. हिबा फातिमा ने श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोकों का उर्दू में तर्जुमा किया है. हिबा के इस अमल ने मज़हब के नाम पर सियासत करने वाले लोगों को करारा जवाब दिया है. हिबा फ़ातिमा तेलंगाना की रहने वाली हैं. फ़ातिमा के घरवालों के मुताबिक़, "फातिमा की शुरू से ही मज़हब की तरफ़ ज़्यादा तवज्जे रही है और वो मज़हबी किताबों को पढ़ने में दिलचस्पी रखती हैं.
श्रीमद्भगवद्गीता के 700 श्लोकों का उर्दू में तर्जुमा
तेलंगाना के निज़ामाबाद ज़िले की रहने वाली हिबा फ़ातिमा ने तीन महीने में श्रीमद्भगवद्गीता के सभी 18 अध्यायों के 700 श्लोकों का ट्रांसलेशन उर्दू में किया है. हिबा फ़ातिमा ने क़ुरान और भगवत गीता को पढ़ने के बाद एक किताब लिखी, उसका नाम 'क़ुरान और श्रीमद्भगीता के बीच समानता' रखा. इस किताब की ख़ुसूसी बातों पर रौशनी डालते हुए फ़ातिमा ने बताया कि "इस किताब को कोई भी आम पाठक बेहद ही आसानी से पढ़ और समझ सकता है. फ़ातिमा ने बताया कि "गीता के उर्दू तर्जुमे में तक़रीबन तीन महीने इसलिए लगे क्योंकि वह चाहती थीं कि आसान से आसान तरीक़े से इसे लोगों तक पहुंचाया जा सके और ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसको पढ़कर फायदा उठा सकें".
इंसानियत सबसे पहला मज़हब: हिबा
हिबा फ़ातिमा ने बताया कि "गीता और क़ुरान का अध्ययन करके यही इल्म हुआ कि दोनों किताबों के तक़रीबन 500 श्लोक एक जैसी तालीम देते हैं और इन सभी को अपनी किताब में शामिल किया है. हिबा कहती हैं, कि ''इंसानियत हमारा पहला धर्म होना चाहिए, अगर आप अच्छे इंसान नहीं है तो अच्छे मुस्लिम या हिंदू नहीं हो सकते हैं. वहीं हिबा के इस कारनामे पर लोग उनकी ख़ूब तारीफ़ कर रहे हैं.
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