निर्भया मामले को मुजरिम मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में नई अर्ज़ी दाखिल की है जिसमें उसने अपनी साबिक वकील वृंदा पर इल्ज़ामात लगाया है कि उन्होंने मेरी क्यूरेटिव अर्ज़ी और रहम की अर्ज़ी जल्द दाखिल दबाव डालकर जल्दी डलवा दी है
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नई दिल्ली: निर्भया मामले को मुजरिम मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में नई अर्ज़ी दाखिल की है जिसमें उसने अपनी साबिक वकील वृंदा पर इल्ज़ामात लगाया है कि उन्होंने मेरी क्यूरेटिव अर्ज़ी और रहम की अर्ज़ी जल्द दाखिल दबाव डालकर जल्दी डलवा दी है जबकि यह याचिका दायर करने के लिए काफ़ी समय बचा था, लिहाज़ा उसे फिर से क्यूरेटिव अर्ज़ी और रहम की अर्ज़ी दाखिल करने का मौका जुलाई 2021 तक दिया जाए. यह अर्ज़ी मुकेश ने वकील एमएल शर्मा के ज़रिए से दाखिल की है और इस अर्ज़ी पर 9 मार्च को समाअत हो सकती है. एम. एल. शर्मा के मुताबिक क्यूरेटिव अर्ज़ी दाखिल करने की माआद तीन साल थी, जिसकी जानकारी मुकेश को नहीं दी गई. इसलिए मुकेश को नए सिरे से क्यूरेटिव अर्ज़ी और रहम की अर्ज़ी दाखिल करने का मौका दिया जाए.
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के गुनहगारों के लिए 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया है और यह चौथा डैथ वारंट था. इससे पहले भी तीन डैथ वारंट जारी हो चुके हैं. सबसे पहले 7 जनवरी को पहला डैथ वारंट जारी हुआ था जिसके मुताबिक 22 फरवरी को फांसी होनी थी. वहीं दूसरी बार 14 जनवरी को डैथ वारंट जारी किया गया था, इसके मुताबिक 1 फरवरी को फांसी होनी थी और तीसरा डैथ वारंट 17 फरवरी को जारी हुआ था जिसके मुताबिक 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी देना हुक्म है.
2012 का है मामला
कौमी दारुल-हुकूमत दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल तालिबा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से इजतेमाई रेप किया गया था. इस वारदात के बाद मुतास्सिरा को इलाज के लिए सरकार सिंगापुर ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बस ड्राइवर समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें एक नाबालिग भी शामिल था. इस मामले में नाबालिग को तीन साल तक सुधार घर में रखने के बाद रिहा कर दिया गया. जबकि एक दीगर राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी